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डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति क्या थी? इस नीति के क्या उद्देश्य थे?

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लॉर्ड हार्डिंग के पश्चात् 1848 ई० में लॉर्ड डलहौजी भारत का गवर्नर-जनरल नियुक्त हुआ। उसका उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाना था। वह उस कार्य को पूरा करना चाहता था, जिसे राबर्ट क्लाइव ने शुरू किया था। ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाने के लिए अधिक-से-अधिक देशी राज्यों को ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित करने लगा। उसकी इस नीति की प्रमुख बात यह थी कि यदि कोई राजा नि:सन्तान मर जाता था तो उसका राज्य कम्पनी के अधीन हो जाया करता था। यद्यपि गोद लेने की स्वीकृति भी दी गई थी परन्तु इसमें भी शर्त यह थी कि बिना कम्पनी सरकार की पूर्व स्वीकृति के गोद नहीं लिया जा सकता था। साथ ही कम्पनी स्वीकृति देने के लिए बाध्य भी नहीं थी। यह अनुमति दे भी सकती थी और नहीं भी दे सकती थी। इस प्रकार अँग्रेजों को अनेक राज्यों को हड़पने का बहाना मिल गया। लॉर्ड डलहौजी की इसी नीति को ‘राज्य हड़पने की नीति’ कहा जाता है। उसकी यह नीति अँग्रेजों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुई। इसी नीति के परिणामस्वरूप पूरे भारतवर्ष में ब्रिटिश साम्राज्य स्थापित हो गया।

लॉर्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति के निम्नलिखित उद्देश्य थे-

1. इनका सर्वप्रथम उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य को बढ़ाना था।

2. व्यापार में मनमानी करना तथा सस्ते दरों पर कच्चा माल खरीदना।

3. अपना सामान भारत के बाजारों में ऊँची कीमतों पर बेचना।

4. भारत की जनता के बीच फूट डालकर एक-दूसरे के बीच भेदभाव पैदा करना तथा अपनी महत्त्वाकांक्षा को पूरा करना।

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