देशीनामा में वार्षिक हिसाब तैयार करने से पूर्व हिसाब में कोई गणितिय भूल न रह जाय इसलिए एक सकल तलपट बनाई जाती है जिसे उतारा के नाम से जाना जाता है । जिस प्रकार दिनोंधी नामा पद्धति में कच्ची तलपट या सकल तलपट बनाई जाती है उसी प्रकार देशीनामा में उतारो तैयार किया जाता है । पक्के खातों की बाकियाँ तथा कच्चे खातों के जमा या उधार बाजुओं के योग पर से उतारो तैयार किया जाता है ।
सामान्यतः उतारो खाताबही के अंतिम पन्ने पर बताया जाता है जिसमें जमा तथा उधार बाजुएँ होती हैं । जिन खातों की बाकियाँ जमा हो उसे जमा तथा उधार खातों की बाकियाँ उधार तरफ दर्शायी जाती है । उतारो के प्रथम सल में रकम तथा शेष सलों में विवरण दर्शाया जाता है । इस प्रकार सभी कच्चे और पक्के खातों की बाकियों को उतारों में दर्शाकर योग किया जाता है । उतारो के जमा तरफ का योग अधिक होगा जिसे उधार तरफ के योग में से घटाने पर जो शेष बचेगा वह अंतिम नकद शेष होगा जिसे श्री पुरांत बाकी से दर्शाया जायेगा । इस प्रकार उतारों का अंतिम नकद शेष, रोजमेल या बैठोमेल के नकद शेष के समान हो तो हिसाब आंकड़ाकीय दृष्टि से योग्य है ऐसा माना जाता है ।
इस प्रकार उतारो यह सभी खातों की बाकियों को दर्शानेवाला हिसाबी भूलों को ज्ञात करने के लिए बनाया गया पत्रक है ।