आदर्श प्रश्नावली में निम्नलिखित लक्षण (विशेषताएँ) का वर्णन किया जा सकता है :
- प्रश्नावली का उचित शीर्षक होना चाहिए । यह आकर्षक एवं स्पष्ट होना चाहिए ।
- प्रश्नों की भाषा द्विअर्थी नहीं होनी चाहिए ।
- प्रश्नों की संख्या पर्याप्त, उद्देश्य के अनुरूप बहुत अधिक या बहुत कम नहीं होनी चाहिए ।
- यदि प्रश्नों की संख्या अधिक हो तो एक से अधिक विभागों में बाटना चाहिए ।
- प्रश्नों का क्रम तर्कबद्ध होना आवश्यक है जिससे उत्तरदाता उसके उत्तर प्रश्नों के आगे-पीछे संदर्भ को देखे बिना सहजरूप से एवं त्वरित दे सकें । कोई भी व्यक्ति से उसके कितने बच्चे है यह प्रश्न पूछने के पश्चात् वह व्यक्ति विवाहित है या अविवाहित ऐसे प्रश्न नहीं पछने चाहिए ।
- हा । ना या अंकों में उत्तर मिले ऐसे संक्षिप्त एवं स्पष्ट प्रश्न पूछने चाहिए ।
- भूतकाल से अधिक सम्बन्धित प्रश्नों को पूछने से बचना चाहिए ।
- उत्तरदाता के निजी जीवन से स्पर्श करनेवाले प्रश्नों को प्रश्नावली में समावेश नहीं करना चाहिए ।
- उत्तरदाता को गणना करना पड़े अथवा लम्बे समय तक विचार करना पड़े ऐसे प्रश्न नहीं पूछने चाहिए ।
- प्रश्नावली को अंतिम स्वरूप देने से पूर्व उसका पहले परीक्षण कर लेना चाहिए ।
- यदि प्रश्नावली डाक द्वारा भेजनी हो तो सूचना देनेवाले को सहकार देने सम्बन्धी सूचनापत्र प्रश्नावली के साथ भेजना चाहिए । और अतिरिक्त खर्च सूचना दाता को करना न पड़े इसके लिए प्रश्नावली के साथ संशोधक का पता तथा योग्य डाक टिकक लगा हुआ लिफाफा भेजना चाहिए ।