1919 ई० के एक्ट की मुख्य धाराएं निम्नलिखित थीं –
- इस एक्ट द्वारा केन्द्र तथा प्रान्तों के बीच विषयों का विभाजन कर दिया गया।
- प्रान्तों में दोहरी शासन प्रणाली स्थापित की गई।
- साम्प्रदायिक चुनाव प्रणाली का विस्तार किया गया।
- केन्द्र में दो सदनीय विधान परिषद् (राज्य परिषद् तथा विधानसभा) की व्यवस्था की गई।
- राज्य परिषद् की सदस्य संख्या 60 तथा विधानसभा के सदस्यों की संख्या 145 कर दी गई।
- सैक्रेटरी ऑफ़ स्टेट्स के अधिकार एवं शक्तियों को कम कर दिया गया। उसकी कौंसिल के सदस्यों की संख्या भी घटा दी गई।
1919 ई० के एक्ट के अनुसार किये गये सुधार भारतीयों को खुश नहीं कर सके। अत: इण्डियन नैशनल कांग्रेस ने इस एक्ट का विरोध करने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में सत्याग्रह आन्दोलन आरम्भ कर दिया।