16, जवाहर नगर,
बठिण्डा।
24 अगस्त, 20…
पूज्य चाचा जी,
सादर प्रणाम।
मेरे जन्म दिवस पर आपका भेजा हुआ उपहार मुझे परसों मिल गया था। जब मैंने उसे खोला तो उसमें अपने लिए एक पैन देखकर बहुत खुश हुआ। यह बहुत बढ़िया पैन है। यह बहुत सुन्दर लिखता है। मैं इसे हर रोज़ अपने स्कूल लेकर जाता हूँ। मेरे मित्रों को यह बहुत पसन्द है। मैं इसे खूब संभाल कर रखता हूँ। इस सुन्दर उपहार के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। चाची जी को प्रणाम। रमा और बिट्ट को प्यार।
आपका भतीजा,
विनोद कुमार।