(1) उत्पादक – वे जीव जो अपना भोजन स्वयं बनाते हैं उत्पादक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, हरे पौधे । इन्हें उत्पादक कहा जाता है क्योंकि ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के माध्यम से अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
(2) उपभोक्ता- उपभोक्ता वे प्राणी हैं जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते लेकिन हरे पौधों और अन्य जीवों से भोजन प्राप्त करते हैं। उपभोक्ता तीन प्रकार के होते हैं-
(a) प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता या शाकाहारी – वे जंतु जो अपना भोजन पौधों से सीधे प्राप्त करते हैं, प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता या शाकाहारी कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, हाथी, हिरण, गाय और बकरी।
(b) द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ता या मांसाहारी- ये प्रथम श्रेणी के उपभोक्ताओं को भोजन के रूप में खाते हैं। उदाहरण के लिए – साँप, मेंढक, छिपकली।
(c) तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता- ये द्वितीय श्रेणी के उपभोक्ताओं के खाते हैं। उदाहरण के लिए-शेर, तेंदुआ।
(3) विभाजक – सूक्ष्मजीव जो मृत पौधों और जानवरों को भोजन के रूप में उपयोग करते हैं और उन्हें सरल पदार्थों में तोड़ते हैं, विभाजक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए बैक्टीरिया और कवक।