यहाँ f : R → R तथा f(x) = | x |, तब
f(1) = | 1 | = 1 तथा f(- 1) = | – 1| = 1
यहाँ 1 ≠ – 1 ⇒ f(1) = f(- 1) = 1
अर्थात् डोमेन के दो अवयवों 1 तथा – 1 का प्रतिबिम्ब एक ही अवयव 1 है
∴ f एकैकी नहीं है।
f(o) = 0
पुनः f(1) = (1) = 1,
f(-1) = |- 1 | = 1
f(2) = | 2 | = 2,
f(-2) = |- 2 | = 2
f(3) = | 3 | = 3,
f(-3) = | – 3 | = 3
f(4) = | 4 | = 4,
f(-4) = | – 4 | = 4
चूँकि f के सहडोमेन में ऋणात्मक संख्याएँ भी हैं परन्तु इसकी कोई भी ऋणात्मक संख्या के डोमेन के किसी भी अवयव का प्रतिबिम्ब नहीं है।
∴ f आच्छादक नहीं है।
अतः फलन नि तो एकैकी है और न ही आच्छादक ।
इति सिद्धम्।