डॉ. गोविन्द सदाशिव घुरिये ने समाज में जाति की छः विशेषताओं का उल्लेख किया है –
- समाज का खंडों में विभाजित होना।
- समाज में जाति पर आधारित एक संस्तरण का पाया जाना।
- भोजन तथा सामाजिक सहवास पर प्रतिबन्धों का होना।
- विभिन्न जातियों की सामाजिक एवं धार्मिक निर्योग्यताएँ तथा विशेषाधिकार का होना।
- पेशों के चयन पर रोक।
- विवाह सम्बन्धी प्रतिबन्धों का पाया जाना।