1. बाजार एक ऐसा सम्पूर्ण क्षेत्र है जहाँ वस्तु के क्रेता तथा विक्रेता फैले रहते हैं।
2. बाजार के अन्तर्गत क्रेताओं तथा विक्रेताओं के मध्य किसी भी माध्यम से सम्पर्क का होना आवश्यक है
3. बाजार के अन्तर्गत वस्तुओं, सेवाओं तथा साधनों का क्रय-विक्रय किया जा सकता है।