चन्द्रगुप्त द्वितीय गुप्त सम्राटों में सर्वाधिक शौर्य एवं वीरोचित गुणों से सम्पन्न शासक था। उसने 375 ई० – 414 ई० तक गुप्त साम्राज्य पर शासन किया।
उसके जीवन की उपलब्धियाँ निम्नलिखित थीं
1. चन्द्रगुप्त द्वितीय ने वैवाहिक सम्बन्धों द्वारा अपनी स्थिति सुदृढ़ की उसने नागवंश की कुबेर नागा तथा कदम्ब वंश की राजकुमारी से विवाह किया तथा वाकाटक नरेश रुद्रसेन द्वितीय से अपनी पुत्री प्रभावती का विवाह किया। इनसे उसे प्रभावशाली शासकों की मित्रता एवं संरक्षण प्राप्त हो गया
2. उसने शकों को पराजित करके उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी तक और पश्चिम में काठियावाड़ से लेकर पूर्व में बंगाल तक अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
3. उज्जैन को उसने अपनी दूसरी राजधानी बनाया जिससे राज्य के समुद्री व्यापार एवं गुजरात प्रांत के संसाधनों में वृद्धि
4. उसने कई विद्वानों को संरक्षण दिया जिनमें कालिदास एवं अमर सिंह प्रमुख थे।
5. शंकों को पराजित करने की स्मृति में चन्द्रगुप्त द्वितीय ने चाँदी के विशेष सिक्के जारी किये।
6. चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में चीनी यात्री फाह्यान भारत आया।