भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार - मानवोचित जीवन एवं व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए वर्तमान में भारत के संविधान में नागरिकों को छः मौलिक अधिकार प्रदान किये गये हैं। ये हैं-
- समानता का अधिकार
- स्वतंत्रता का अधिकार
- शोषण के विरुद्ध अधिकार
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
- संस्कृति एवं शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
ये सभी अधिकार वाद योग्य हैं। इनका हनन होने पर नागरिक न्यायालय में शरण की सकते हैं।
मूल कर्त्तव्य - 42वे संविधान संशोधन 1976 के द्वारा नागरिकों के दस मूल कर्तव्य निर्धारित किये गये हैं। इनमें प्रमुख हैं-संविधान का पालन करना, भारत की प्रभुता, एकता एवं अखण्डता की रक्षा करना। समान भातृत्व का भाव रखना। प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना आदि। 186वें संविधान संशोधन 2002 द्वारा 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने सम्बन्धी 11वाँ मूल कर्त्तव्य जोड़ा गया है।