पृथ्वी तल पर जो जनसंख्या निवास करती है वह अनेक कारकों के द्वारा नियन्त्रित होने के कारण प्रादेशिक आधार पर भिन्नताओं को दर्शाती है।
विश्व में मिलने वाले जनसंख्या के इस असमान वितरण को निम्न बिन्दुओं के माध्यम से स्पष्ट किया गया हैं –
1. पृथ्वी की दो तिहाई जनसंख्या उसके लगभग 14 प्रतिशत भाग पर निवास करती है। एक अन्य अनुमान के अनुसार विश्व की लगभग 57 प्रतिशत जनसंख्या इसके स्थलीय क्षेत्र के 5 प्रतिशत भाग पर निवास करती है।
2. विश्व का दो-तिहाई भाग निर्जन प्राय: है। 90% भू-भाग पर मात्र 10% जनसंख्या रहती है। 10% स्थलीय भाग पर कुल जनसंख्या का 90% संकेन्द्रित है।
3. विश्व की 85% जनसंख्या उत्तरी गोलार्द्ध में तथा 15% जनसंख्या दक्षिणी गोलार्द्ध में पाई जाती है।
4. विश्व की लगभग तीन चौथाई जनसंख्या एशिया एवं यूरोप महाद्वीपों में रहती है। केवल एशिया महाद्वीप में ही विश्व की 60% से अधिक जनसंख्या निवास करती है। ओसेनिया में विश्व जनसंख्या का मात्र आधा प्रतिशत ही पाया जाता है।
5. विश्व की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या 20° से 60° उत्तरी अक्षांशों के मध्य रहती है। 60° अक्षांश के उत्तर में विश्व की 1 प्रतिशत से भी कम जनसंख्या निवास करती है।
6. विश्व की जनसंख्या का लगभग 75% भाग महाद्वीपों के किनारों की ओर बसा है। महाद्वीपों के आन्तरिक भागों की ओर जनसंख्या का संकेन्द्रण घटता जाता है।
7. विश्व की लगभग 80% जनसंख्या सागर तल में 500 मीटर की ऊँचाई तक के क्षेत्र में निवास करती है। उपर्युक्त तथ्यों से स्पष्ट हो जाता है कि विश्व के कई अति विशाल क्षेत्र विरल आबाद हैं और कुछ अपेक्षाकृत रूप से छोटे क्षेत्र अत्यधिक सघन आबाद हैं।