जर्मन लोग यहूदियों से बहुत घृणा करते थे। वे यहूदियों को अनेक तरह से यातनाएँ देते थे। उनके शासन में यहूदियों को गाड़ी पर आना-जाना भी मना था। परन्तु कुछ सभ्य जन पीड़ित यहूदियों के प्रति करुणा भी रखते थे। वे उनकी लाचारी को देखकर भले ही कुछ न कर पाते थे किन्तु उनकी आँखों में यहूदियों के प्रति सहानुभति की भावना ए नागरिकों ने यहदियों और भमिगत रहने वाले लोगों की तरह-तरह से सहायता भी की थी।
हिल्वर सम ने तो भूमिगत रहने वाले लोगों के लिए राशन कार्ड भी जारी किए थे जिससे उन्हें आसानी से राशन खरीदने में सुविधा हो सके। लेकिन हिटलर की खुफ़िया पुलिस (गेस्टापो) ऐसे छिपे हुए लोगों को खोजकर यातना शिविरों में ले जाती थी। इस तरह उस समय यहदियों के प्रति मिली-जुली जन भावना थी।