लघुबीजाणु चतुष्क (Microspore tetrad) - बीजाणुधानी के अन्दर लघुबीजाणु मातृ कोशिका अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा चार अगुणित लघुबीजाणुओं का निर्माण करती है। ये चारों लधुबीजाणु प्रारम्भ में एक समूह में विन्यसित होते हैं जिसे लघुबीजाणु चतुष्क (Microspore tetrad) कहते हैं।
लघुबीजाणु चतुष्क सामान्यतया पाँच प्रकार के होते हैं।
1. चतुष्फलकीय (Tetrahedral) – इसमें एक ओर से देखने पर केवल तीन लघुबीजाणु दिखाई देते हैं और चौथा इन तीनों के पीछे की ओर स्थित होता है। अधिकांश द्विबीजपत्री पौधों में इसी प्रकार के लघुबीजाणु चतुष्क पाए जाते हैं।
2. समद्विपाश्विक (Isobilateral) – इसमें चतुष्क के चारों ओर लघुबीजाणु एक ही तल में दिखाई देते हैं। इस प्रकार के लघुबीजाणु चतुष्क एकबीजपत्री पौधों में पाये जाते हैं।
3. क्रासित (Docuskate) – इसमें दो-दो लघुबीजाणु एक-दूसरे से समकोण बनाते हैं जिससे ऊपर बाले युग्म के दोनों लघुबीजाणु एवं नीचे वाले युग्म का केवल एक बीजाणु दिखाई देता है।उदाहरण – मैग्नोलिया (Magnolia)
4. T-आकार (T.Shaped) – इसमें चतुष्क के दो लघुबीजाणु अनुप्रस्थ रूप में तथा दो लम्बवत् रूप में विन्यसित रहते हैं।उदाहरण – एरिस्टोलोकिया (Aristolochea) में।
5. रैखिक (Linear) – इसमें सभी लघुबीजाणु एक रैखिक क्रम में विन्यसित रहते हैं। उदाहरण – हैलोफिला (Halophylla) में।