भौगोलिक सूचना तंत्र की परिभाषा विभिन्न विद्वानों ने दी है जिनमें क्लार्क, बुरों, एरोनोफ, पार्कर, गुड चाइल्ड, स्मिथ तथा डी. डी. चौनियाल के नाम महत्त्वपूर्ण हैं। पार्कर के अनुसार–“कोई भी सूचना तकनीकी जो धरातलीय तथा अधरातलीय आंकड़ों का संग्रह, विश्लेषण तथा प्रदर्शन करती है उसे जी. आई. एस. कहते हैं। पार्कर ने लिखा है कि भौगोलिक सूचना तंत्र एक सूचना तकनीकी विज्ञान है जो स्थानिक एवं अस्थानिक आकड़ों के संग्रह, विश्लेषण और प्रस्तुतिकरण में सक्षम है।
बुरों के अनुसार-“भौगोलिक सूचना तंत्र वास्तविक धरातल से सम्बंधित स्थानिक सूचनाओं के एकत्रीकरण, भण्डारण, रूपान्तरण और प्रस्तुतीकरण के लिए विभिन्न यंत्रों का शक्तिशाली तंत्र है।” एरोनोफ के अनुसार-“GIS कम्प्यूटर आधारित ऐसा तंत्र है जो भौगोलिक आंकड़ों के प्रदर्शन में चार प्रकार से सक्षम है-निवेश, आंकड़ों का प्रबंधन, विश्लेषण एवं निर्गमन। डी. डी. चौनियल के अनुसार-“भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) भौगोलिक अथवा धरातलीय आँकड़ों की प्रविष्टि, संग्रह, परिचालन, विश्लेषण तथा प्रदर्शित करने वाली प्रणाली है।” संक्षेप में भौगोलिक सूचना तंत्र एक सूचना तकनीकी विज्ञान है जो स्थानिक एवं अस्थानिक आंकड़ों के संग्रह विश्लेषण एवं प्रस्तुतिकरण में सक्षम है।