NCERT Solutions Class 9, Hindi, Sanchayan, पाठ- 1, गिल्लू
लेखक - महादेवी वर्मा
बोध प्रश्न
1. सोन जूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
उत्तर
सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में यह विचार आया कि गिल्लू सोनजुही के पास ही मिट्टी में दबाया गया था। इसलिए अब वह मिट्टी में विलीन हो गया होगा और उसे चौंकाने के लिए सोनजुही के पीले फूल के रूप में फूट आया होगा।
2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तर
कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि वह छत पर बैठकर अपनी आवाज़ से प्रियजनों के आने की सुचना देता है। पितृपक्ष में लोग इसे आदर से बुलाकर भोजन देते हैं। इसे अनादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि इसकी आवाज़ बहुत कड़वी होती है।
3. गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?
उत्तर
महादेवी वर्मा ने गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार बड़े ध्यान से ममतापूर्वक किया। पहले उसे कमरे में लाया गया। उसका खून पोंछकर घावों पर पेंसिलिन लगाई गई। उसे रुई की बत्ती से दूध पिलाने की कोशिश की गई। परंतु दूध की बूंदें मुँह के बाहर ही लुढ़क गईं। कुछ समय बाद मुँह में पानी टपकाया गया। इस प्रकार उसका बहुत कोमलतापूर्वक उपचार किया गया।
4. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
उत्तर
लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आकर खेलता फिर सर्र से पर्दे पर चढ़ जाता फिर उसी तेज़ी से उतरता। वह इसी तरह भाग दौड़ करता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठ न जाती।
5. गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?
उत्तर
बाहर की गिलहरियाँ खिड़की के जाली के पास बैठ कर चिक् चिक् करती। उन्हें देखकर गिल्लू उनके पास आकर बैठ जाता उसको इस तरह बाहर निहारते हुए देखकर लेखिका ने इसे मुक्त करना आवश्यक समझा। लेखिका ने खिड़की की जाली का एक कोना खोल दिया जिससे गिल्लू बाहर आ जा सके।
6. गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
उत्तर
लेखिका एक मोटर दुर्घटना में आहत हो गई थी। अस्वस्थता की दशा में उसे कुछ समय बिस्तर पर रहना पड़ा था। लेखिका की ऐसी हालत देख गिल्लू परिचारिका की तरह उसके सिरहाने तकिए पर बैठा रहता और अपने नन्हें-नन्हें पंजों से उसके (लेखिका के) सिर और बालों को इस तरह सहलाता मानो वह कोई परिचारिका हो।
7. गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?
उत्तर
गिल्लू की निम्नलिखित चेष्टाओं से महादेवी को लगा कि अब उसका अंत समीप है-
- उसने दिनभर कुछ भी नहीं खाया।
- वह रात को अपना झूला छोड़कर महादेवी के बिस्तर पर आ गया और उनकी उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गया।
8. 'प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया' −का आश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
आशय यह है गिल्लू का अंत समय निकट आ गया था। उसके पंजे ठंडे हो गए थे। उसने लेखिका की अँगुली पकड़ रखा था। उसने उष्णता देने के लिए हीटर जलाया। रात तो जैसे-तैसे बीती परंतु सवेरा होते ही गिल्लू के जीवन का अंत हो गया।
9. सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?
उत्तर
सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनी थी। इससे लेखिका के मन में यह विश्वास जम गया कि एक-न-एक दिन यह गिल्लू इसी सोनजुही की बेल पर पीले चटक फूल के रूप में जन्म ले लेगा।