NCERT Solutions Class 11, Hindi, Aroh, पाठ "स्पीति में बारिश"
लेखक - कृष्णनाथ
पाठ के साथ
1. इतिहास में स्पीति का वर्णन नहीं मिलता| क्यों?
उत्तर
स्पीति हिमाचल की पहाड़ियों में एक ऐसा दुर्गम स्थल है जहाँ पहुँचना सामान्य लोगों के वश में नहीं है। संचार माध्यमों एवं आवागमन के साधनों का अभाव है। अतः यहाँ दूसरे देशों की जानकारी नहीं होती। स्पीति का भूगोल अलंघ्य है। साल में आठ-नौ महीने बरफ़ रहती है तथा यह संसार से कटा रहता है। दुर्गम स्थान के कारण किसी राजा ने यहाँ हमला नहीं किया इसका जिक्र सिर्फ राज्यों के साथ जुड़े रहने पर ही आता है। मानवीय गतिविधियों के अभाव के कारण यहाँ इतिहास नहीं बना। यह क्षेत्र प्रायः स्वायत्त ही रहा है।
2. स्पीति के लोग जीवन-यापन के लिए किन कठिनाइयों का सामना करते हैं?
उत्तर
स्पीति का जीवन बहुत कठोर है। यहाँ लंबी शीत ऋतु होती है। आठ-नौ महीने यह क्षेत्र शेष विश्व से कटा रहता है। यहाँ जलाने के लिए लकड़ी भी नहीं होती। लोग ठंड से ठिठुरते रहते हैं। यहाँ न हरियाली है और न ही पेड़। यहाँ पर्याप्त वर्षा भी नहीं होती। यहाँ साल में एक ही फसल उगा सकते हैं। जौ, गेहूँ, मटर व सरसों के अलावा दूसरी फसल नहीं हो सकती। किसी प्रकार का फल व सब्जियाँ पैदा नहीं होतीं। यहाँ रोजगार के साधन नहीं हैं। यहाँ की जमीन खेती योग्य है, परंतु सिंचाई के साधन विकसित नहीं हैं। अत: यहाँ के लोग अत्यंत जटिल परिस्थिति में रहते हैं।
3. लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने तंत्र के नाम पर करने के पक्ष में क्यों हैं?
उत्तर
लेखक को पूरा विश्वास है कि माने श्रेणी का नामकरण बौद्धों के माने मंत्र के नाम पर ही हुआ है| बौद्धों के माने मंत्र का महात्म्य है| “ओं मणि पद्मे हूं” मंत्र का जाप बहुत अधिक हुआ है| इसलिए लेखक माने श्रेणी का नाम बौद्धों के माने तंत्र के नाम पर करने के पक्ष में हैं|
4. ये माने की चोटियाँ बूढ़े लामाओं के जाप से उदास हो गई हैं- इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने युवा वर्ग से क्या आग्रह किया है?
उत्तर
माने की चोटियों पर बड़ी उम्र के बौद्ध लामा निवास करते हैं जो माने मंत्रों का जाप करते हैं| इनके तप करने से चोटियों में गंभीर और उदासी का वातावरण बन गया है| यहाँ चहल-पहल तथा ख़ुशी का माहौल नहीं दिखाई देता| इसलिए लेखक ने युवाओं से आग्रह किया है कि वे आगे आएँ तथा खेल और गतिविधियों को बढ़ावा दें| जिससे यहाँ प्रसन्नता और हर्ष का संचार हो सके|
5. वर्षा यहाँ एक घटना है, एक सुखद संयोग है- लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर
स्पीति में वर्षा नहीं होती। वहाँ के लोग वर्षा की आनंददायक स्थितियों से अनभिज्ञ हैं। यहाँ वर्षा ऋतु मन की साध पूरी नहीं करती। यहाँ की धरती सूखी, ठंडी और वंध्या रहती है। स्पीति में साल में केवल एक फ़सल होती है। सिंचाई का साधन है-पहाड़ों से आ रहे नाले। उपजाऊ और खेती के योग्य धरती का तो यहाँ अभाव नहीं है, परंतु वर्षा नहीं होती। वर्षा यहाँ के लोगों के लिए एक घटना है। इसीलिए लेखक ने इसे एक सुखद संयोग माना है। स्पीति की यात्रा के दौरान वहाँ की वर्षा देखने का सौभाग्य भी लेखक को मिला था। स्थानीय लोगों ने भी इसी कारण लेखक की यात्रा को शुभ कहा था।
6. स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर
स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से बहुत भिन्न हैं; जैसे-
(क) स्पीति के पहाड़ों की ऊँचाई 13000 से 21,000 फीट तक की है। ये अत्यंत दुर्गम हैं।
(ख) यहाँ के दरें बहुत ऊँचे व दुर्गम हैं।
(ग) यहाँ साल में आठ-नौ महीने बर्फ जमी रहती है तथा रास्ते बंद हो जाते हैं।
(घ) यहाँ वर्षा नहीं होती तथा पेड़ व हरियाली का नामोनिशान नहीं है।
(ङ) हुए ह फल हता है उसे भोज मर सों आदमुवा है फ्लए समय या उन नाह होती हैं।
(च) यहाँ सिर्फ दो ऋतुएँ होती हैं-वसंत व शीत ऋतु।
(छ) यहाँ परिवहन व संचार का कोई साधन नहीं।
(ज) यहाँ आबादी बेहद कम है। यहाँ प्रति किलोमीटर चार व्यक्ति रहते हैं।
(झ) यहाँ पर्यटक नहीं आते। अत: यहाँ का वातावरण उदास रहता है
पाठ के आस-पास
1. स्पीति में बारिश का वर्णन एक अलग तरीके से किया गया है| आप अपने यहाँ होने वाली बारिश का वर्णन कीजिए|
उत्तर
जब हमारे यहाँ ग्रीष्म ऋतु की पहली बारिश होती है, तब धरती पर बारिश की बूँदों के पड़ते ही मिट्टी से सोंधी महक निकलती है| बारिश के होने से वातावरण में हरियाली छा जाती है| मैदानी इलाकों में पानी जमा हो जाता है| हम सभी इस बारिश में नहाकर प्रफुल्लित हो उठते हैं| काले घुमड़ते बादलों की आँखमिचौली दिन भर चलती रहती है| वृक्ष की पत्तियाँ खिल उठती है और चारों तरफ हर्ष और आनंद दिखाई देता है|
2. स्पीति के लोगों और मैदानी भागों में रहने वाले लोगों के जीवन की तुलना कीजिए| किन का जीवन आपको अच्छा लगता है और क्यों?
उत्तर
स्पीति के लोगों का जीवन मैदानी भागों के निवासियों की तुलना में बेहद कष्टदायक है। मैदानी क्षेत्रों में जलवायु कठोर नहीं है। यहाँ छह ऋतुएँ होती हैं। स्पीति में सर्दी व वसंत दो ही ऋतुएँ होती हैं। सर्दी में सब कुछ जम जाता है। वर्षा नहीं होती।
मैदानों में रोजगार, कृषि, खाद्य-सामग्री व संचार के साधनों की कमी नहीं है। व्यक्ति के पास सुख के साधनों की कमी नहीं है, जबकि स्पीति में ऐसा कुछ नहीं है। वहाँ जीवन-निर्वाह भी कठिनता से होता है। अत: मैदानी भागों में रहने वाले का जीवन ज्यादा सुखी व अच्छा है। यहाँ जीवन की गति नियमित रूप से चलती है।
3. ‘स्पीति में बारिश’ एक यात्रा वृतांत है| इसमें यात्रा के दौरान किए गए अनुभवों, यात्रा-स्थल से जुड़ी विभिन्न जानकारियों का बारीकि से वर्णन किया गया है| आप भी अपनी किसी यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में कीजिए|
उत्तर
कुछ दिन पहले मैंने अपने एक मित्र के साथ गंगटोक जाने की योजना बनाई| यात्रा शुरू करने से पहले हमने सारी तैयारियाँ कर लीं, जिसमें ट्रेन के टिकट से लेकर वहाँ ठहरने के लिए होटल की व्यवस्था शामिल थीं| आखिरकार हमारी यात्रा का दिन आ ही गया| हम सबसे पहले ट्रेन से सिलीगुड़ी पहुँचे, फिर वहाँ से किराए की गाड़ी से गंगटोक पहुँचे| सिलीगुड़ी से गंगटोक की दूरी लगभग 120 कि.मी. है| वहाँ पहुँचकर हमने कुछ देर तक होटल में विश्राम किया| दो घंटे बाद हम टैक्सी से घूमने निकले| गंगटोक का मौसम जून के महीने में बहुत ही खुशनुमा होता है| यहाँ दिन में कभी-कभी फुहारों के साथ बारिश होती है, जो मन को आनंदित कर देती है| यहाँ थोड़ी-थोड़ी ऊंचाई पर टोंक स्थित हैं जैसे-गणेश टोंक, हनुमान टोंक इत्यादि| यहाँ पर अधिकतर बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग निवास करते हैं| इसी कारण यहाँ की संस्कृति में बौद्ध धर्म की झलक दिखाई पड़ती है| गंगटोक साफ़ और सुन्दर जगह है| यहाँ सड़क पर गंदगी फैलाना सख्त मना है| यहाँ पर अधिकतर लोग ईमानदार हैं तथा कोई किसी से धोखा-घड़ी नहीं करता| यहाँ के दुकानों में अधिकतर महिलाएँ काम करती हुई मिलीं तथा हर घर के बाहर फूल-पौधे के गमलों या बगीचों की सजावट दिखाई दी| हम वहाँ तीन दिन तक रुके तथा इस दौरान हमने खूब मस्ती की
4. लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग तीस वर्ष पहले की थी| इन तीस वर्षों में स्पीति में कुछ परिवर्तन आया है? जानें, सोचें और लिखें|
उत्तर
तीस वर्ष पहले लेखक ने जिस प्रकार स्पीति की परिस्थितियों का वर्णन किया है, मेरी सोच से वर्तमान में वहाँ कुछ परिवर्तन जरूर हुए होंगे| संचार, बिजली तथा परिवहन की सुविधाओं का विकास अवश्य हुआ होगा| पर्यटकों का आवागमन बढ़ा हो, ऐसा भी हो सकता है|
भाषा की बात
1. पाठ में से दिए गए अनुच्छेद में क्योंकि, और, बल्कि, जैसे ही, वैसे ही, मानो, ऐसे, शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे दोबारा लिखिए-
लैंप की लौ तेज की| खिड़की का एक पल्ला खोला तो तेज हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा| मैंने पल्ला भिड़ा दिया| उसकी आड़ से देखने लगा| देखा कि बारिश हो रही थी| मैं उसे देख नहीं रहा था| सुन रहा था| अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका आ रहा था| जैसे बरफ का अंश लिए तुषार जैसी बूँदें पड़ रही थीं|
उत्तर
लैंप की लौ तेज की। जैसे ही खिड़की का एक पल्ला खोला वैसे ही तेज हवा का झोंका मुँह और हाथ को जैसे छीलने लगा। मैंने पल्ला भिड़ा दिया और उसकी आड़ से देखने लगा। मैं उसे देख नहीं रहा था बल्कि सुन रहा था। अँधेरा, ठंड और हवा का झोंका ऐसे आ रहा था मानो बर्फ का अंश लिए तुषार जैसी बूंदें पड़ रही थीं।