किसी कुण्डली का स्वप्रेरकत्व उस विद्युत वाहक बल के तुल्य है जो उस कुण्डली में। ऐम्पियर/सेकण्ड की दर से विद्युत धारा बदलने पर उसमें उत्पन्न होता है। अर्थात्
L = \(-\frac{e}{dI/dt}\) = L = |e| (∵ \(\frac{dI}{dt}\) = 1A)
मात्रक - वोल्ट - सेकण्ड/ऐम्पयर या हेनरी (A)