पतले लेंस के लिए सूत्र
चित्र में एक पतला लेन्स दिखाया गया है जिसके दोनों ओर एक ही माध्यम वायु है। इसके दोनों पृष्ठों की वक्रता त्रिज्याएँ क्रमश: R1 व R2 हैं। लेन्स की अक्ष पर रखी एक बिन्दु वस्तु O का प्रतिबिम्ब पृष्ठ AP1B द्वारा I' बनता है और I' का प्रतिविम्ब पृष्ठ AP2B द्वारा I बनता है। इस प्रकार पूरे लेन्स द्वारा O का प्रतिबिम्ब I बनता है।

अतः प्रथम पृष्ठ पर अपवर्तन के लिए,
\(\frac{n_{ga}}{v'} - \frac{1}{u} = \frac{n_{ga^{-1}}}{R_1}\) ...........(1)
पहले पृष्ठ द्वारा बना प्रतिबिम्ब I' दूसरे पृष्ठ के लिए आभासी वस्तु का कार्य करता है और अन्तिम प्रतिबिम्ब I बनता है, अत: दूसरे पृष्ठ पर अपवर्तन के लिए,
\(\frac{n_{ga}}{v} - \frac{1}{(v'-t)} = \frac{n_{ga^{-1}}}{R_2}\)
क्योंकि दूसरे पृष्ठ से I' की दूरी = (v' - t) जहाँ t पतले लेन्स की मोटाई है।
पतले लेन्स के लिए t का मान उपेक्षणीय होता है, अतः

nga का समी. के दोनों ओर गुणा करने पर,
\(\frac{1}{v} - \frac{n_{ga}}{v'} = \frac{1 - n_{ga}}{R_2}\)
समी. (1) व (2) को जोड़ने पर,

यदि लेन्स की फोकस दूरी f हो तो
\(\frac{1}{v} - \frac{1}{u} = \frac{1}{f}\) ............(4)
समी (3) व (4) की तुलना करने पर
\(\frac{1}{f} = (n_{ga} - 1) (\frac{1}{R_1} - \frac{1}{R_2})\) ............(5)
इसे लेन्स निर्माताओं का सूत्र (Lens maker's formula) कहते हैं। सामान्य रूप से उक्त सूत्र (5) को व्यापक रूप से निम्न प्रकार लिख सकते हैं-

इसे लेन्स सूत्र कहते हैं। यदि लेन्स किसी द्रव जैसे पानी में रखा हो तो लेन्स की फोकस दूरी
