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बादशाह तक सुलभ पहुँच 

पहले जेसुइट शिष्टमण्डल का एक सदस्य मान्सेरेट अपने अनुभवों का विवरण लिखते हुए कहता है

उससे (अकबर से) भेंट करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए उसकी पहुँच कितनी सुलभ है; इसके बारे में अतिशयोक्ति करना बहुत कठिन है। लगभग प्रत्येक दिन वह ऐसा अवसर निकालता है कि कोई भी आम आदमी अथवा अभिजात उससे मिल सके और बातचीत कर सके। उससे जो भी बात करने आता है; उन सभी के प्रति कठोर न होकर वह स्वयं को मधुरभाषी और मिलनसार दिखाने का प्रयास करता है। उसे उसकी प्रजा के दिलो-दिमाग से जोड़ने में इस शिष्टाचार और भद्रता का बड़ा असाधारण प्रभाव है।

1. जेसुइट कौन थे? भारत में इन्होंने अपना प्रसार किस प्रकार किया?

2. मान्सेरेट ने अकबर के बारे में अपने अनुभवों का विवरण किस प्रकार किया था?

3. अकबर के शिष्टाचार ने किस प्रकार प्रजा को मिलनसार बनाया? स्पष्ट कीजिए।

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1. जेसुइट ईसाई धर्म के प्रचारक थे। अकबर ने उन्हें उनके धर्म के विषय में जानकारी हासिल करने के लिए आमंत्रित किया था तथा उन्हें अपने धर्म का प्रसार करने की अनुमति प्रदान की।

2. मान्सेरेट अपने अनुभवों का विवरण लिखते हुए कहता है "अकबर से भेंट करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए उस तक पहुँचना आसान था। वह लगभग प्रत्येक दिन ऐसा अवसर निकालता है कि कोई भी आम आदमी अथवा अभिजात वर्ग उससे मिलकर बात कर सके।"

3. अकबर सभी धर्मों का सम्मान करता था और प्रजा उसका सम्मान करती थी। उसके शासन में धार्मिक सहिष्णुता का सिद्धान्त था तथा सभी धर्मों तथा मतों को अभिव्यक्ति की आजादी थी।

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