(A) रोजेनमुंड अवकरण- किसी एसिड क्लोराइड को जाइलीन (xylene) में घुलाकर प्राप्त विलयन को उबालते हैं। इस विलयन में पैलेडियमयुक्त बेरियम सल्फेट (उत्प्रेरक) की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस प्रवाहित करने पर एसिड क्लोराइड अवकृत होकर ऐल्डिहाइड में परिवर्तित हो जाता है।

यह अभिक्रिया रोजेनमुंड अभिक्रिया (Rosenmund reaction) कहलाती है।
(B) पर्किन अभिक्रिया- बेजैल्डिहाइड को ऐसीटिक ऐन्हाइड्राइड के साथ सोडियम ऐसीटेट की उपस्थिति में गर्म करने पर सिनैमिक अम्ल बनता है।

इसे पर्किन अभिक्रिया कहते हैं।