जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology) क्या है?
जैव प्रौद्योगिकी एक बहुआयामी विज्ञान है जो जीवों, उनकी कोशिकाओं, अंगों और जैविक प्रक्रियाओं का उपयोग करते हुए मानव लाभ के लिए उत्पाद और तकनीक विकसित करने से संबंधित है। इसमें अनुवांशिक संशोधन, पुनः संयोजक डीएनए (Recombinant DNA) तकनीक, औद्योगिक प्रक्रियाएं, और जैविक संसाधनों का उपयोग शामिल है।
पुनः संयोजक डीएनए (Recombinant DNA) प्रौद्योगिकी
यह तकनीक जैव प्रौद्योगिकी का प्रमुख हिस्सा है, जिसमें एक जीव के डीएनए में दूसरे जीव का डीएनए जोड़कर नए अनुवांशिक गुण विकसित किए जाते हैं।
पुनः संयोजक डीएनए प्रौद्योगिकी के प्रक्रम के चरण:
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डीएनए का पृथक्करण (Isolation of DNA):
- सबसे पहले, स्रोत जीव (जिससे जीन लिया जाएगा) और होस्ट जीव (जिसमें जीन डाला जाएगा) से डीएनए को अलग किया जाता है।
- रसायनों और एंजाइमों का उपयोग करके डीएनए को कोशिका से बाहर निकाला जाता है।
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लक्षित जीन को काटना (Cutting the Desired Gene):
- लक्षित जीन को विशेष प्रतिबंध एंजाइम (Restriction Enzymes) की मदद से डीएनए से काटा जाता है।
- ये एंजाइम विशिष्ट स्थानों पर डीएनए को काटते हैं, जिससे जीन का एक सटीक खंड प्राप्त होता है।
आरेखी चित्र पुनः संयोजक डीएनए प्रक्रिया को बेहतर समझाने में मदद करता है। इसमें तीन मुख्य चरण दर्शाए जा सकते हैं:
- डीएनए का अलग करना
- लक्षित जीन का काटना
- वेक्टर में जोड़ना (Insertion into Vector)
जैव प्रौद्योगिकी में पुनः संयोजक डीएनए तकनीक का महत्व:
- दवाओं (जैसे इंसुलिन) का उत्पादन।
- रोग प्रतिरोधी फसलों का विकास।
- जैव उपचार (Bioremediation) और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान।