किसी कोलॉइडी विलयन का अवक्षेपण करने में विद्युत अपघट्य का वह आयन प्रभावी होता है। जिस पर कोलॉइडी कणों से विपरीत आवेश होता है तथा प्रभावी आयन की संयोजकता बढ़ने से प्रभावी आयन की स्कन्दन शक्ति बढ़ती है।
इसलिए आसेंनियस सल्फाइड के ऋणावेशित कोलॉइडी कणों के स्कन्दन में Na3PO4 के Na+ आयन की अपेक्षा AlCl3 के Al3+ आयन अधिक प्रभावी होते हैं जबकि फेरिक हाइड्रॉक्साइड के धनावेशित कोलॉइडी कणों [Fe(OH)3] Fe3+ के स्कन्दन में AlCl3 के Cl– आयन, Na3PO4 के PO3-4 आयन की अपेक्षा कम प्रभावी होते हैं।