27 मई 1935 को अम्बेडकर जी की पत्नी रमाबाई का देहान्त हो गया। उन्होंने दुःखी होकर, भगवा वस्त्र पहनकर संन्यास लेने का निर्णय कर लिया। परन्तु परिवार के बड़ों तथा मित्रों के समझाने-बुझाने पर उन्होंने भगवा वस्त्र त्यागकर समाज-कल्याण के लिए संघर्ष करने का विचार किया। इस समय भगवा वस्त्र धारण करने के कारण लोगों ने उन्हें ‘बाबासाहेब’ कहना शुरू कर दिया।