नीति काव्य का मानव जीवन से सीधा सम्बध होता है। नीतियाँ, शिक्षाएँ और उपदेश जब अपने अनुभवों के आधार पर प्रस्तुत किए जाते हैं तो उनका श्रोताओं और पाठकों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। परन्तु यह भी सच है कि समय के साथ नीतियों के विषय और उनके प्रस्तुतीकरण के ढंग भी बदलते रहते हैं। इसी कारण अनेक नीति-कथन पुराने और अनुपयोगी भी हो जाते हैं।
रहीम के दोहे आज से चार सौ वर्ष से भी पूर्व रचे गए थे, किन्तु आज भी उनमें से अधिकांश हमें प्रासंगिक और उपयोगी प्रतीत होते हैं। संकलित दोहों में दैनिक जीवन के उपयोगी सुझाव दिए गए हैं। बड़ों से मेल-जोल होने पर छोटों को मत भुलाइए। वे भी कभी बड़े काम के साबित होते हैं। कुसंग से बचे रहिए। केवल काम निकालने के लिए सम्बंध और सम्मान उचित नहीं होता। भले आदमियों की मित्रता बड़ी अनमोल है। अपना दुख दूसरों को सुनाकर हँसी के पात्र मत बनिए। बोलते समय संयम से काम लीजिए।
ये सभी नीतिवचन, सीखें और सुझाव आज भी उतने ही उपयोगी हैं।