स्पष्ट कीजिए क्यों (अथवा कैसे) -
(i) किसी ध्वनि तरंग में विस्थापन निस्पन्द दाब प्रस्पंद होता है ओर विस्थापन प्रस्पंद दाब निस्पन्द होता है ?
(ii) आँख न होने पर भी चमगादड़ अवरोधकों की दूरी , दिशा, प्रकृति तथा आकार सुनिश्चित कर लेते हैं ?
(iii) वायलिन तथा सितार के स्वरों की आवृत्तिया समान होने पर भी हम दोनों से उत्पन्न स्वरों में भेद कर लेते हैं ?
(iv) ठोस अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ दोनों प्रकार की तरंगों का पोषण कर सकते हैं, जबकि गैसों में केवल अनुदैर्ध्य तरंगे ही संचरित हो सकती हैं ।
(v) परिक्षेपी माध्यम में संचरण के समय स्पन्द की आकृति विकृत हो जाती है ?