एक लम्बे व सीधे तार से, जिससे i ऐम्पियर की धारा है, r मीटर की दुरी पर चुम्कीय क्षेत्र `vec(B)` का मान
`B=(mu_(0))/(2 pi)(i)/(r)`
परशानुसार, `i=2` ऐम्पियर तथा `r=0.1` मीटर
`:. B=2xx10^(-7) ("न्यूटन")/("ऐम्पियर" ""^(2))xx(2"ऐम्पियर")/(0.1" मीटर")`
`=4xx10^(-6)` टेस्ला ।
दाए हाथ की हथेली के नियम नं 1 के अनुसार क्षेत्र `vec (B)` को कागज के तल के लंबवत निचे की ओर होगी ।
(i) इलेक्ट्रान (आवेश E) तार के समान्तर धारा की दिशा में चुम्ब्कीय क्षेत्र बी के लंबवत `4xx10^(4)` मीटर/सेकण्ड के वेग से गतिमान है। अतः इलेक्ट्रान पर चुम्ब्कीय बल `vec (F)` का मान
`F= e v B`
`=(1.6xx10^(-19)`कुलाम) `xx(4xx10` मीटर/सेकण्ड) `xx (4xx10^(4)` मीटर/सेकण्ड) `xx (4xx10` टेस्ला)
`=2.56xx10^(-20)` न्यूटन ।
फ्लेमिंग के बाये हाथ के नियमानुसार , बल `vec(F)` तार से दूर की ओर होगा ।
(ii) इलेक्ट्रान तार की ओर गतिमान है। अब भी इलेक्ट्रान पर लगने वाला चुम्ब्कीय बल `2.56xx10^(20)` न्यूटन ही होगा, परन्तु यह तार के समान्तर, धारा की दिशा में होगा ।