(i) ड्यूट्रॉन, हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम (`_(1)H^(2)`) का नाभिक है। इसमें 1 प्रोटॉन व 1 न्यूट्रॉन होता है।
1 प्रोटॉन का द्रव्यमान `=1.673xx10^(-27)` किग्रा
1 न्यूट्रॉन का द्रव्यमान `=1.675xx10^(-27)` किग्रा
इनका योग `=3.348xx10^(-27)` किग्रा
यह ड्यूट्रॉन में विद्यमान न्यूक्लिऑनों का कुल द्रव्यमान है। चूंकि नाभिक (ड्यूट्रॉन) का द्रव्यमान `3.344xx10^(-27)` किग्रा है अतः इस नाभिक के बनने में द्रव्यमान क्षति
`DeltaM=` न्यूक्लिऑनों का कुल द्रव्यमान `-` नाभिक का द्रव्यमान
`=3.348xx10^(-27)-3.344xx10^(-27)=0.004xx10^(-27)` किग्रा
`:.` बंधन ऊर्जा `E_(b)=DeltaMc^(2)`
`=(0.004xx10^(-27))xx(3xx10^(8))^(2)`
`=3.6xx10^(-13)` जूल
`=(3.6xx10^(-13))/(1.6xx10^(-19))eV`
`=2.25xx10^(6)eV=2.25MeV`
ड्यूट्रॉन की कुल बंधन ऊर्जा `2.25 MeV` (मेगास इलेक्ट्रॉन –वोल्ट अथवा मिलियन इलेक्ट्रॉन वोल्ट) है। इसका अर्थ यह है कि ड्यूट्रॉन को 1 मुक्त प्रोटॉन व 1 मुक्त न्यूट्रॉन में तोड़ने के लिए `2.25 MeV` ऊर्जा की आवश्यकता होगी
(ii) ड्यूट्रॉन की बंधन ऊर्जा प्रति न्यूक्लिऑन
`E_(bn)=(E_(b))/A=2.25/2=1.125MeV`