D-T अभिक्रिया (ड्यूटीरियम-ट्रीटियम संलयन) `._(1)^(2)H+._(1)^(3)Hto._(2)^(4)He+n` पर विचार कीजिए।
(a) नीचे दिए गए आंकड़ों के आधार अभिक्रिया में विमुक्त ऊर्जा का मान `MeV` में ज्ञात कीजिए।
`m(._(1)^(2)H)=2.014102u`
`m(._(1)^(3)H)=3.016049u`
(b) ड्यूटीरियम एवं ट्राइटियम दोनों की त्रिजया लगभग 1.5 fm मान लीजिए। इस अभिक्रिया में दोनों नाभिकों के मध्य कूलॉम प्रतिकर्षण से पार पाने के लिए कितनी गतिज ऊर्जा की आवश्कयता है? अभिक्रिया प्रारम्भ करने के लिए गैसों (D और T गैसें) को किस ताप पर उष्मित किया जाना चाहिए?