f एकैकी है : माना कि m, `n in N uu{0}`
Case I. यदि m तथा n दोनों सम हों, तो
`f(m) = f(n) rArr m +1 = n+1`
`rArr m = n` ...(1)
Case II. यदि m तथा n दोनों विषम हों, तो
`f(m) = f(n) rArr m - 1 = n - 1`
`rArr m = n` ...(2)
Case III. यदि सम है त m तथा n विषम है, तो `m != n` और इस स्थिति में
`f(m) = m+1, f(n) = n-1`
`:. f(m) != f(n)` [क्योंकि (m+1) विषम है तथा (n-1) सम है]
Case IV. यदि m विषम है तथा n सम है, तो `m != n` और इस स्थिति में
`f(m) = m-1` तथा `f(n) = n+1`
`:. f(m) != f(n)` [क्योंकि `(m-1)` सम है तथा (n+1) विषम है]
इस प्रकार, सभी स्थितियों में `f(m) = f(n) rArr m = n`
अतः f एकैकी फलन है।
f आच्छादक है : सभी `n in N uu {0}`, के लिए की परिभाषा से ,
`f(2n) = 2n+1` ..(3)
तथा f(2n+1) = 2n ...(4)
(3) से, `f(0) = 1, f(2) = 3, f(4) = 5`, और इसी तरह
(4) से, f(1) = 0, f(3) = 2, f(5) = 4 और इसी तरह
इस प्रकार सम संख्याओं के प्रतिबिम्ब विषम संख्याएँ 1,3,5,... है तथा विषम संख्याओं के प्रतिबिम्ब 0,2,4,.... हैं
अतः `f = N uu {0} = f`
इसलिए, f आच्छादक है
इस प्रकार f एकैकी तथा आच्छादक है तथा `f^(-1)` का अस्तित्व है अर्थात f व्युक्रमणीय है ।
साबित करना है कि `f =f^(-1)` : इसके लिए निम्नलिखित साबित करना पर्याप्त होगा
`f(n) = f^(-1) (n) AA n in N uu {0}`
अब `f(2n+1) = 2n+1 -1= 2n :. f^(-1)(2n) = 2n+1` ..(5)
साथ ही `f(2n) = 2n+1 :. f^(-1)(2n+1) = 2n` ...(6)
(4) तथा (6) से, `f(2n+1) = f^(-1) (2n+1)` ...(A)
(3) तथा (5) से, `f(2n) = f^(-1)(2n)` ...(B)
(A) तथा (B) से, `f(n) = f^(-1) (n)`, सभी `n in N uu {0}` के लिए |