दिया है, `f : A rarr B` एक फलन है तथा f एकैकी आच्छादक है।
माना कि `y in B rArr` ऐसा `x in A` मिलेगा `f(x) = y` ताकि [`because f` आच्छादक है]
चूँकि f एकैकी है, इसलिए y, A के केवल एक x का प्रतिबिम्ब होगा ।
इस प्रकार प्रत्येक `y in B`, के लिए अद्वितीय `x in A` मिलेगा ताकि `f (x) = y`.
अब हम एक फलन `g : B rarr A, g(y) = x, y in B` के लिए परिभाषित करते हैं, जहाँ
f(x) = y.
इस प्रकार g, B से A में एक फलन है ताकि
`g(y) = x hArr f(x) = y`
अतः g, f का प्रतिलोम है।
Second method: माना कि `y in B`
अब `y in B rArr` ऐसा `x in A` मिलेगा ताकि f(x) = y [`because f` आच्छादक है ]
लेकिन f एकैकी है, इसलिए `x in A` अद्वितीय होगा
अब हम एक फलन `g : B rarr A, g(y) = x, y in B`, परिभाषित करते है जहाँ f(x) = y.
अब `(fog)(y) = f(g(y)).f(x) = y` सभी `y in B` के लिए
= f(x) `[because g(y) = x]`
=y `[because f(x) = y]`
अतः `fog = I_(B)`
उसी तरह `(gof)(x) = f(f(x)) = g(y) = x`, सभी `x in A` के लिए
अतः `gof = I_(A)`
इस प्रकार `fog = I_(B)` तथा `gof = I_(A)`
अतः g, f का प्रतिलोम है और इसलिए f व्युत्क्रमणीय है।