इन दोनों संकुलो में Fe की ऑक्सीकरण अवस्था `+2` तथा विन्यास `d^(6)` होता है इसका अर्थ है कि इसमें चार अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते है दुर्बल `H_(2)O` लीगैणड की उपस्थिति में इलेक्ट्रॉन युग्मित नहीं होते है जबकि `CN^(-)` प्रबल लीगैणडो को निरूपित करता है यह इलेक्ट्रॉनों को युग्मित कराता है और संकुल में कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं बचता है अतः इन संकुलो का रंग भिन्न होता है