Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
+2 votes
97 views
in Hindi by (38.1k points)
closed by

NCERT Solutions Class 10, Hindi, Kritika, पाठ- 3, मैं क्यों लिखता हूँ?

To master this chapter and excel in CBSE exams and competitive tests, utilizing NCERT Solutions is strongly recommended. These solutions, crafted by subject specialists, offer a comprehensive breakdown of the fundamental concepts discussed in the chapter. They are specifically designed to align perfectly with the latest CBSE syllabus requirements.

This article delves into the importance of NCERT solutions for Class 10 Hindi by closely analyzing how they are structured and their practical relevance in real-life situations.

In these NCERT Solutions for Class 10 Hindi, we have discussed all types of NCERT intext questions and exercise questions.

Our NCERT Solutions for Class 10 Hindi provide detailed explanations to assist students with their homework and assignments. Proper command and ample practice of topic-related questions provided by our NCERT solutions is the most effective way to achieve full marks in your exams subjects like Science, Maths, English and Hindi will become easy to study if you have access to NCERT Solution. Begin studying right away to ace your exams.

Now, you have access to all the solutions and practice questions right at your fingertips, available for your convenience whenever you need them.

1 Answer

+2 votes
by (38.1k points)
selected by
 
Best answer

NCERT Solutions Class 10, Hindi, Kritika, पाठ- 3, मैं क्यों लिखता हूँ?

लेखक - अज्ञेय

प्रश्न अभ्यास 

1. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?

उत्तर

लेखक की मान्यता है कि सच्चा लेखन भीतरी विवशता से पैदा होता है। यह विवशता मन के अंदर से उपजी अनुभूति से जागती है, बाहर की घटनाओं को देखकर नहीं जागती। जब तक कवि का हृदय किसी अनुभव के कारण पूरी तरह संवेदित नहीं होता और उसमें अभिव्यक्त होने की पीड़ा नहीं अकुलाती, तब तक वह कुछ लिख नहीं पाता।

2. लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

उत्तर

अपनी जापान यात्रा दौरान लेखक ने एक पत्थर में मानव की उजली छाया देखी। वे विज्ञान के विद्यार्थी थे इस कारण समझ गए की विस्फोट के समय पत्थर के पास कोई व्यक्ति खड़ा होगा। विस्फोट से विसर्जित रेडियोधर्मी पदार्थ ने उस व्यक्ति को भाप बना दिया और पत्थर को झुलसा दिया। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय को झकझोर दिया। इस प्रकार लेखक हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बन गया।

3. मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि -

(क) लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?

उत्तर

लेखक की आंतरिक विवशता उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है। लेखक विवशता को पहचान कर कर उसे लिख देता है और उससे मुक्त हो जाता है| ऐसा करने से वे अपनी विवशता को तटस्थ होकर देख और पहचान पाते हैं|

(ख) किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?

उत्तर

किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत दूसरे को कुछ भी रचने के लिए विभिन्न तरीकों से उत्साहित करते हैं| जैसे वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण से प्रेरणा लेकर अन्य लेखकों ने इसके बारे में लिखा| अन्य लेखकों के अपने सामजिक स्थिति और सुलभता से पात्रों को नए रूप में ढाला| महाभारत भी इसका एक प्रमुख उदाहरण है|

4. कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन-से हो सकते हैं?

उत्तर

कुछ रचनाकारों की रचनाओं में स्वयं की अनुभूति से उत्पन्न विचार होते हैं और कुछ अनुभवों से प्राप्त विचारों को लिखा जाता है। इसके साथ ऐसे कारण (बाह्य दबाव) भी उपस्थित हो जाते हैं जिससे लेखक लिखने के लिए प्रेरित हो उठता है। ये बाह्य-दबाव हैं-

  • सामाजिक परिस्थितियाँ
  • आर्थिक लाभ की आकांक्षा
  • प्रकाशकों और संपादकों का पुनः-पुनः का आग्रह
  • विशिष्ट के पक्ष में विचारों को प्रस्तुत करने का दबाव

5. क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?

उत्तर

बाह्य दबाव लेखन से जुड़े रचनाकारों के अलावा अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं। जैसे -अभिनेता, अभिनेत्री पर निर्देशक का दबाव रहता है ताकि वह अच्छे फिल्म का निर्माण कर सकें। गायक-गायिकाएँ और नर्तक पर आयोजकों के साथ-साथ श्रोताओं का दबाव रहता है। चित्रकार पर उनके ग्राहकों का दवाब रहता कि वह अच्छी चित्र बनाएँ| खिलाड़ियों पर उनके प्रबंधकों और दर्शक दवाब होता है|

6. हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंत: व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह आप कैसे कह सकते हैं ?

उत्तर

हिरोशिमा पर लिखी कविता हृदय की अनुभूति प्रस्फुटित होती हुई भावों और शब्दों में जीवंत हो उठी है। कवि ने हिरोशिमा के भयंकर रूप को देखा था, आहत लोगों को देखा था। उसे देखकर लेखक के मन में उनके प्रति सहानुभूति तो उत्पन्न हुई होगी। किंतु उनकी व्यक्तिगत त्रासदी नहीं बनी। जब पत्थर पर मनुष्य की काली छाया को

देखा तो उन्हें अपने हृदय से अणु-बम के विस्फोट का प्रतिरूप त्रासदी बनकर मन में समाने लगा। वही त्रासदी जीवंत होकर कविता में परिवर्तित हो गई। इस तरह हिरोशिमा पर लिखी कविता अंतः दबाव का परिणाम थी।

बाह्य दबाव मात्र इतना हो सकता कि जापान से लौटने पर लेखक ने अभी तक कुछ नहीं लिखा? वह इससे प्रभावित हुआ होगा और कविता लिख दिया होगा।

7. हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ और किस तरह से हो रहा है?

उत्तर

आजकल विज्ञान का दुरुपयोग अनेक जानलेवा कामों के लिए किया जा रहा है। आज आतंकवादी संसार-भर में मनचाहे विस्फोट कर रहे हैं। कहीं अमरीकी टावरों को गिराया जा रहा है। कहीं मुंबई बम-विस्फोट किए जा रहे हैं। कहीं गाड़ियों में आग लगाई जा रही है। कहीं शक्तिशाली देश दूसरे देशों को दबाने के लिए उन पर आक्रमण कर रहे हैं। जैसे, अमरीका ने इराक पर आक्रमण किया तथा वहाँ के जनजीवन को तहस-नहस कर डाला।।
विज्ञान के दुरुपयोग से चिकित्सक बच्चों का गर्भ में भ्रूण-परीक्षण कर रहे हैं। इससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। विज्ञान के दुरुपयोग से किसान कीटनाशक और जहरीले रसायन छिड़ककर अपनी फसलों को बढ़ा रहे हैं। इससे लोगों को स्वास्थ्य खराब हो रहा है। विज्ञान के उपकरणों के कारण ही वातावरण में गर्मी बढ़ रही है, प्रदूषण बढ़ रहा है, बर्फ पिघलने को खतरा बढ़ रहा है तथा रोज-रोज भयंकर दुर्घटनाएँ हो रही हैं।

8. एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?

उत्तर

एक संवेदनशील युवा नागरिक होने के कारण विज्ञान का दुरुपयोग रोकने के लिए हमारी भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित कार्य करते हुए मैं अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकता हूँ-

  • प्रदूषण फैलाने तथा बढ़ाने वाले उत्तरदायी कारकों प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा आदि के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के साथ-साथ लोगों से अनुरोध करूंगा कि पर्यावरण के लिए हानिकारक वस्तुओं का उपयोग न करें ।
  • विज्ञान के बनाए हथियारों का प्रयोग यथासंभव मानवता की भलाई के लिए ही करें, मनुष्यों के विनाश के लिए नहीं।
  • विज्ञान की चिकित्सीय खोज का दुरुपयोग कर लोग प्रसवपूर्ण संतान के लिंग की जानकारी कर लेते हैं और कन्या शिशु की भ्रूण-हत्या कर देते हैं जिससे सामाजिक विषमता तथा लिंगानुपात में असमानता आती है। इस बारे में आम जनता का जागरूक करने का प्रयास करूंगा।
  • टी.वी. पर प्रसारित अश्लील कार्यक्रमों का खुलकर विरोध करूँगा और समाजोपयोगी कार्यक्रमों के प्रसारण का अनुरोध करूँगा।
  • विज्ञान अच्छा सेवक किंतु बुरा स्वामी है। यह बात लोगों तक फैलाकर इसके दुरुपयोग के परिणामों को बताने का प्रयत्न करूंगा।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...