NCERT Solutions Class 8, Hindi, Vasant, पाठ- 4, भगवान के डाकिए
लेखक - रामधारी सिंह 'दिनकर'
प्रश्न अभ्यास
कविता से
1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहे गए हैं क्योंकि ये भगवान का सन्देश पहुंचाने का काम करते हैं। वे बतलाते हैं हैं की जिस तरह बादल और पक्षी दूसरे देश में जाकर भी भेदभाव नही करते उसी तरह हमें भी आचरण करना चाहिए।
2. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन - कौन पढ़ पाते हैं ? सोच कर लिखिए।
उत्तर
पक्षी और बादल द्वारा लायी गई चिट्ठियों को पेड़ - पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं। प्रकृति के ये विविध उपादान पक्षी और बादल से प्रभावित होते हैं। इन्हें उनकी भाषा भली प्रकार समझ में आ जाती हैं।
3. किन पंक्तियों का भाव है :
(क) पक्षी और बादल प्रेम , सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
उत्तर
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधें, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेद भाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।
4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं ?
उत्तर
पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के द्वारा भेजा हुआ एकता और सद्भावना का सन्देश पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगन्ध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नही करते। इस प्रकार यह सब भगवान के इस सन्देश को समस्त संसार में प्रचारित करते हुए सद्भावना का सन्देश देते हैं।
5. ''एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है''-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
एक देश की धरती अपने सुगंध व प्यार को पक्षियों के माध्यम से दूसरे देश को भेजकर सद्भावना का संदेश भेजती है। धरती अपनी भूमि में उगने वाले फूलों की सुगंध को हवा से, पानी को बादलों के रूप में भेजती है। हवा में उड़ते हुए पक्षियों के पंखों पर प्रेम-प्यार की सुगंध तैरकर दूसरे देश तक पहुँच जाती है। इस प्रकार एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
पाठ से आगे
1. पक्षियों और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तर
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम, सौहार्द और आपसी सद्भाव की दृष्टि से देख सकते हैं। यह हमें यहीं संदेश देते हैं।
2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इन्टरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इन्टरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर
पक्षी और बादल प्रकृति के अनुसार काम करते हैं किंतु, इंटरनेट मनुष्य के अनुसार काम करते है। बादल का कार्य प्रकृति-प्रेमी को प्रभावित करती है किंतु, इंटरनेट विज्ञानं प्रेमी को प्रभावित करती है। पक्षी और बादल का कार्य धीमी गति से होता है किंतु, इंटरनेट का कार्य तीव्र गति से होता है। इंटरनेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बात पहुँचाने का ही सरल तथा तेज माध्यम है। इसके द्वारा हम किसी व्यक्तिगत रायों को जान सकते हैं किन्तु पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें भगवान का सन्देश देते हैं। वे बिना भेदभाव के सारी दुनिया में प्रेम और एकता का संदेश देते हैं। हमें भी इंटरनेट के माध्यम से प्रेम और एकता और भाईचारा का संदेश विश्व में फैलाना चाहिए।
3. हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर
हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका अत्यन्त महत्तपूर्ण है। खाकी पैंट और खाकी कमीज़ पहने, कंधे पर खाकी झोला लटकाए जब वह सामने से गुजरता, तो उसकी ओर सबकी दृष्टि अनायास खिंच जाती है। भले ही अब कंप्यूटर और इ-मेल का ज़माना आ गया है पर, डाकिया का महत्व अभी भी उतना ही बना हुआ है जितना पहले था। डाकिया ग्रामीण जन-जीवन का एक सम्मानित सदस्व माना जाता है। डाकिया केवल संदेश-दाता नहीं, अर्थ दाता भी है। डाकिया का कार्य बड़ा कठिन होता है। वह सुबह से शाम तक चलता ही रहता है। डाकिया कम वेतन पाकर भी अपना काम अत्यन्त परिश्रम और लगन के साथ सम्प्पन्न करता है। गर्मी, जाड़ा और बरसात का सामना करते हुए वह समाज की सेवा करता है। डाकिया एक सुपरिचित व्यक्ति है। उससे हमारा व्यक्तिगत संपर्क होता है। हमें उसपर सहानुभूति दिखानी चाहिए।