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NCERT Solutions Class 8, Hindi, Vasant, पाठ- 13, बाज और साँप

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NCERT Solutions Class 8, Hindi, Vasant, पाठ- 13, बाज और साँप

लेखक - निर्मल वर्मा

शीर्षक और नायक

  • लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना? आपस में चर्चा कीजिए।

उत्तर

लेखक ने इस कहानी के लिए दो नायकों साँप और बाज का चयन इसलिए किया है; क्योंकि

  • बाज को जहाँ आकाश की असीम शून्यता से प्यार है वहीं साँप को अपने अंधकार युक्त खोखल से प्यार है
  • बाज साहस एवं वीरता का प्रतीक है जबकि साँप को कायरता का प्रतीक बताया गया है
  • बाज को आकाश में उड़ने की स्वतंत्रता से प्यार है जबकि साँप को खोखल तक सिमटा रहना ही पसंद है
  • बाज अंतिम घड़ी तक आकाश में उड़ पाने की अभिलाषा रखता है, जबकि साँप भूलकर भी दुबारा ऐसा नहीं करना चाहता है

इस कहानी को ‘शेर और बकरी के माध्यम से भी प्रस्तुत किया जा सकता हैइसका कारण शेर को जंगल की स्वच्छंदता पसंद है वही बकरी को उसका बाड़ाएक निर्भीक प्राणी है तो दूसरा कायर

कहानी से

1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, "मुझे कोई शिकायत नहीं है।" विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर

घायल होने के बाद भी बाज ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उसने अपनी ज़िंदगी को भरपूर भोगा। वह असीम आकाश में जी भरकर उड़ान भर चुका था। जब तक उसके शरीर में ताकत रही तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा जिसे उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था।

2. बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?

उत्तर

बाज ज़िंदगी भर आकाश में उड़ता रहा, उसने आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नापा। बाज साहसी था। वह किसी भी कीमत पर समझौतावादी जीवन शैली पसंद नहीं करता था। अतः कायर की मौत नहीं मरना चाहता था। वह अंतिम क्षण तक जीवन की आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना चाहता था।

3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

उत्तर

साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था क्योंकि वह मानता था कि वह उड़ने में सक्षम नहीं है। पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तड़प देखी तब साँप के मन में भी उत्सुकता जागी कि आकाश का मुक्त जीवन कैसा होता है ? इस रहस्य का पता लगाना ही चाहिए। तब उसने भी आकाश में एक बार उड़ने की कोशिश करने का निश्चय किया।

4. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

उत्तर

बाज की बहादुरी पर प्रसन्न होकर लहरों ने गीत गाया था। उसने अपने प्राण गँवा दिए परन्तु ज़िंदगी के खतरे का सामना करने से पीछे नहीं हटा।

5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?

उत्तर

साँप का शत्रु बाज है चूँकि वो उसका आहार होता है। घायल बाज उसे किसी प्रकार का आघात नहीं पहुँचा सकता था इसलिए घायल बाज को देखकर साँप के लिए खुश होना स्वाभाविक था।

कहानी से आगे

1. कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।

उत्तर

कहानी की स्वतंत्रता से संबंधित पंक्तियाँ –

जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उडानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ।

“आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड पाता।”

पर वह समय दूर नहीं है, जब तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी, बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी।

2. लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।

उत्तर

बाज की मृत्यु के बाद जब लहरों ने गीत गाया तो उस गीत को सुनने के बाद साँप में साहसपूर्ण जिंदगी जीने की प्रेरणा जाग उठी होगी उसके विचार बदले होंगे और उसने सोचा होगा कि यदि एक दिन मरना ही है तो क्यों न साहस से मरा जाए उसकी कायरता उड़न छू हो गई होगी साँप ने दुबारा उड़ने की कोशिश की होगी उसने आकाश की असीम ऊँचाइयाँ तथा विस्तार में उड़ने के लिए अपने शरीर को हवा में उछाल दिया होगा | कहानी की पूर्ति – बाज की मृत्यु से अपने मन का चैन खो चुके साँप ने अपना शरीर हवा में उछाल तो दिया पर न उसके पंख थे और न उड़ने का ज्ञान साँप ने हिम्मत नहीं हारी आकाश की शून्यता एवं विस्तार उसमें जोश भर रहे थे साँप ने पुनः आगे बढ़ने के लिए बल लगाया पर यह उड़ पाने के लिए काफी न था | हाँ बल लगाकर शरीर उछालने के कारण वह इस बार चट्टान पर न गिरा वह सरिता की धारा में गिरा सरिता की सफेद फेन युक्त लहरों ने उसे अपने आँचल में बँक लिया, पर साँप ने जल्दी ही अपना फन धारा के ऊपर उठाया और तैरकर बाहर आ गया अब साँप बहुत ही खुश था क्योंकि उसे उड़ने का नया अनुभव जो मिल चुका था

3. क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर

हाँ पक्षियों को उड़ान भरते समय सचमुच ही आनंद का अनुभव होता होगा प्रकृति ने उन्हें उड़ने के लिए ही पंख दिए हैं इन पंखों की मदद से उनकी उड़ने की प्रसन्नता देखते ही बनती है इसके अलावा यदि हम पिंजरे में बंद किसी पक्षी को उड़ा दें तो कितना खुश होकर उड़ता है वह पिंजरे में सारी सुविधाएँ (भोजन, पानी और आश्रय) पाने पर भी उदास रहता है लगता है कि उसकी खुशियाँ कहीं खो गई हैं इसी पक्षी को जब मुक्त करते हैं तो उसकी खुशियाँ उसे वापस मिल जाती हैं, इसलिए उन्हें उड़ने में सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा इसके अलावा पक्षियों को अपने घोंसले के लिए तिनका जुटाने, बच्चों के लिए भोजन लाने आदि स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव होता है

4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।

उत्तर

मनुष्य ने आदिकाल से पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में सँजो रखी थी। अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए ना ना प्रकार के प्रयोग किए इन प्रयोगों को करते समय बहुतों को जान गॅवानी पड़ी पर आज परिणाम सामने हैं उसने आकाश में उड़ान भरने वाले अनेक साधन हेलीकॉप्टर, रॉकेट, वायुयान आदि का आविष्कार कर लिया आज मनुष्य अपनी उड़ने की इच्छा हेलीकॉप्टर, वायुयान, रॉकेट, ग्लाइडर, सुपरसोनिक विमान आदि के माध्यम से पूरी करता है

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अनुमान और कल्पना

यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर

यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर बन्दर और कछुआ होते, तो बन्दर कछुए को पानी में तैरते देखकर स्वयं भी तैरने का प्रयास करता । कछुआ भी बन्दर से मित्रता करता और पानी से बाहर आकर बन्दर की तरह छलाँग लगाकर दौड़ने का प्रयास करता । ऐसा करते समय वह घायल हो जाता। तब बन्दर उसकी सहायता करता और उसे पानी में छोड़ देता। कछुआ उसकी प्रशंसा के गीत गाता।

भाषा की बात

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर

भाँप लेना दादाजी की गिरती साँसें देखकर माता जी ने स्थिति भाँप ली व तुरन्त डाक्टर को बुलवा लिया।
हिम्मत बाँधना पुलिस के आने पर ही घर के लोगों की हिम्मत बँधी।
अंतिम साँस गिनना रोगी अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम साँसें गिन रहा है।
मन में आशा जागना किशन की वीरतापूर्ण बातों ने मेरे मन में आशा जगा दी।
प्राण हथेली में रखना- गौरव ने प्रथा की जान बचाने के लिए अपने प्राणों को हथेली में रख दिया।

2. 'आरामदेह' शब्द में 'देह' प्रत्यय है। यहाँ 'देह' 'देनेवाला' के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में 'द', 'प्रद', 'दाता', 'दाई' आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे-सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।

उत्तर

शब्द प्रत्यय
सुखद, दुखद
दाता परामर्शदाता, सुखदाता
प्रद सुखदाई, दुखदाई
दाई विश्रामदेह, लाभदेह, आरामदेह
देह लाभप्रद, हानिप्रद, शिक्षाप्रद

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