NCERT Solutions Class 11, Hindi, Aroh, पाठ- 4, विदाई-संभाषण
लेखक - आनंद यादव
पाठ के साथ
1. शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर
लेखक ‘शिवशंभु की दो गायों’ की कहानी के माध्यम से कहना चाहता है कि भारत में मनुष्य ही नहीं, पशुओं में भी साथ रहने वालों के साथ लगाव होता है। वे उस व्यक्ति के बिछुड़ने पर भी दुखी होते हैं जो उन्हें कष्ट पहुँचाता है। यहाँ भावना प्रमुख होती है। हमारे देश में पशु-पक्षियों को भी बिछड़ने के समय उदास देखा गया है। बिछड़ते समय वैर-भाव को भुला दिया जाता है। विदाई का समय बड़ा करुणोत्पादक होता है। लॉर्ड कर्जन जैसे क्रूर आततायी के लिए भी भारत की निरीह जनता सहानुभूति का भाव रखती है।
2. आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया- यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर
लेखक ने यहाँ बंगाल के विभाजन की ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया है। लॉर्ड कर्ज़न दो बार भारत का वायसराय बनकर आया। उसने भारत पर अंग्रेजों का प्रभुत्व स्थाई करने के लिए अनेक काम किए। भारत में राष्ट्रवादी भावनाओं को कुचलने के लिए उसने बंगाल का विभाजन करने की योजना बनाई। कज़न की इस चाल को देश की जनता समझ गई और उसने इस योजना का विरोध किया, परंतु कर्ज़न ने अपनी जिद्द को पूरा किया। बंगाल के दो हिस्से कर दिए गए-पूर्वी बंगाल तथा पश्चिमी बंगाल।
3. कर्जन को इस्तीफ़ा क्यों देना पड़ गया?
उत्तर
लॉर्ड कर्जन एक फौजी अफसर को अपने इच्छित पद पर नियुक्त करना चाहा, पर ब्रिटिश सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया| इसी गुस्से के कारण उन्होंने पद से इस्तीफ़ा दे दिया और वह स्वीकार भी हो गया|
4. बिचारिये तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे!- आशय स्पष्ट कीजिए|
उत्तर
लेखक कहता है कि कर्ज़न की भारत में शान थी। दिल्ली दरबार में उसका वैभव चरम सीमा पर था। पति-पत्नी की कुर्सी सोने की थी। उसका हाथी सबसे ऊँचा व सबसे आगे रहता था। सम्राट के भाई का स्थान भी इनसे नीचा था। इसके इशारे पर प्रशासन, राजा, धनी नाचते थे। इसके संकेत पर बड़े-बड़े राजाओं को मिट्टी में मिला दिया गया तथा अनेक निकम्मों को बड़े पद मिले। इस देश में भगवान और एडवर्ड के बाद उसका स्थान था, परंतु इस्तीफा देने के बाद सब कुछ खत्म हो गया। इसकी सिफारिश पर एक आदमी भी नहीं रखा गया। जिद के कारण इसका वैभव नष्ट हो गया।
5. आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में तीसरी शक्ति और भी है- यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?
उत्तर
लॉर्ड कर्जन स्वयं को निरंकुश, सर्वशक्ति संपन्न मान बैठा था। भारतीय जनता उसकी मनमानी सह रही थी। अचानक गुस्साए लार्ड का इस्तीफा मंजूर हो गया और उसे जाना पड़ा। यहाँ लेखक कहना चाहते हैं कि लॉर्ड कर्जन और भारतीय जनता के बीच एक तीसरी शक्ति अर्थात् ब्रिटिश सरकार है जिस पर न तो लॉर्ड कर्जन का नियंत्रण है और न ही भारत के निवासियों का ही नियंत्रण है। इंग्लैंड की महारानी का शासन न तो कर्जन की बात सुनता है और न ही कर्जन के खिलाफ भारतीय जनता की गुहार सुनता है। उस पर इस निरंकुश का अंकुश भी नहीं चलता।
पाठ के आस-पास
1. पाठ का यह अंश शिवशभू के चिट्ठे से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा?
उत्तर
पाठ का यह अंश शिवशंभु के चिट्ठे से लिया गया है| लेखक बालमुकुंद गुप्त ने शिवशंभु नाम का उपयोग लॉर्ड कर्जन तथा अंग्रेजों के शासन काल पोल खोलने के लिए किया है| लेखक ने इस पात्र के जरिये अंग्रेजी शासकों के कुशासन पर व्यंग्य किया है| शिवशंभु एक काल्पनिक पात्र है जिसके माध्यम से लेखक उनकी तानाशाही को सामने लाने का प्रयास किया है|
2. नादिर से बढ़कर आपकी जिद्द है- कर्जन के सन्दर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए|
उत्तर
जी हाँ! कर्ज़न के संदर्भ में हमें यह बात सही लगती है। नादिरशाह एक क्रूर राजा था। उसने दिल्ली में कत्लेआम करवाया, परंतु आसिफजाह ने तलवार गले में डालकर उसके आगे समर्पण कर कत्लेआम रोकने की प्रार्थना की, तो तुरंत कत्लेआम रोक दिया गया। कर्ज़न ने बंगाल का विभाजन किया। आठ करोड़ भारतवासियों की बार-बार विनती करने पर भी उसने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी। इस संदर्भ में कर्ज़न की जिद्द नादिरशाह से बड़ी है। वह नादिरशाह से अधिक क्रूर था। उसने जनहित की उपेक्षा की।
3. क्या आँख बंद करके मनमाने हुक्म चलाना और किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है?- इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या है? इस पर चर्चा कीजिए|
उत्तर
लॉर्ड कर्जन ने अपने शासन-काल में प्रजा के हितों को ध्यान में नहीं रखा बल्कि उसने मनमाने हुक्म चलाकर शासन किया था| इस दृष्टिकोण से शासन उसे कहते हैं जिसमें प्रजा की मर्जी के विरूद्ध शासक के जिद्द के अनुसार कानून बनाया जाता हो| जनता के अनुरोध या प्रार्थना सुनने के लिए उन्हें अपने पास भी फटकने न दिया जाता हो|
4. इस पाठ में आए आलिफ़ लैला, अलहदीन, अबुल हसन और बग़दाद के खलीफा के बारे में सूचना एकत्रित कर कक्षा में चर्चा कीजिए|
उत्तर
अलिफ़लैला- यह एक प्रसिद्ध कहानी है । यह कथाओं का एक संग्रह है। यह अरबी साहित्य की रचना है। इसमें हज़ार कहानियों का संग्रह है । वैसे अलिफ शब्द 'अल्फ' शब्द से बना है । इसका अर्थ 'एक हज़ार' है तथा लैला का 'रात' अर्थ है।
अलहदीन- यह भी एक प्रसिद्ध कहानी है। यह आज 'अलादीन और चिराग' के नाम से जानी जाती है। यह 'द अरेबियन नाइट' से ली गई कहानी है। इसका पात्र अलहदीन है और उसे एक जादूगर अपने साथ चिराग हासिल करने के लिए ले जाता है। वह उसे गुफा में एक अंगूठी देकर भेजता है ।वहाँ पर अलादीन चिराग हासिल कर लेता है मगर पहले जादूगर को बाहर निकालने के लिए कहता है। जादूगर क्रोध में आकार उसे वहीं छोड़ देता है। अंगूठी की सहायता से वह बाहर निकल आता है और घर जाकर चिराग को घिसने पर उसमें छिपे जिन्न का पता चलता है। उस जिन्न की सहायता सेवह राजा के समान हो जाता है और राजकुमारी से निकाह कर लेता है। जादूगर को जब पता चलता है, तो वह उससे धोखे से चिराग ले लेता है। चिराग की सहायता से वह अलादीन का सबकुछ लेकर किसी ओर स्थान पर चला जाता है। अलादीन जादूगर की दी अँगूठी से पुनः जादूगर के महल में पहुँच जाता है और उसे मारकर अपना सबकुछ वापिस पा लेता है।
अबुल हसन- कुतुबशाही वंश जो कि गोलकुंडा के शासक थे। यह आंध्र प्रदेश में स्थित है। अबुल हसन इसी कुतुबशाही वंश का आखिरी सुल्तान था । बगदाद के खलीफा- यह बगदाद के शासक की पदवी का नाम है।
भाषा की बात
1. वे दिन-रात यही बात मनाते थे कि जल्द श्रीमान यहाँ से पधारें| सामान्य तौर पर आने के लिए पधारें शब्द का इस्तेमाल किया जाता है| यहाँ पधारें शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर
यहाँ शब्द का प्रयोग लॉर्ड कर्जन के भारत से जाने के लिए किया गया है|
2. पाठ में से कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं, जिनमें भाषा का विशिष्ट प्रयोग (भारतेंदु युगीन हिंदी) हुआ है| उन्हें सामान्य हिंदी में लिखिए|
क. आगे भी इस देश में जो प्रधान शासक आए, अंत में उनको जाना पड़ा|
उत्तर
पहले भी इस देश में जो प्रधान शासक हुए, अंत में उन्हें जाना पड़ा।
ख. आप किस को आए थे और क्या कर चले|
उत्तर
आप किसलिए आए थे और क्या कर के जा रहे हैं?
ग. उनका रखाया एक आदमी नौकर न रखा|
उत्तर
उनके रखवाने से एक आदमी नौकर न रखा गया।
घ. पर अशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर लाभ करे|
उत्तर
परन्तु मैं आशीर्वाद देता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से प्राप्त करे|