(a) दिया हुआ फलन
f(x) = (x – 1) (x – 2) (x – 3), x ∈ [0, 4]
अर्थात् f(x) = x3 – 6x2 + 11x – 6, x ∈[0, 4]
स्पष्ट है कि f(x) = x3 – 6x2 + 11x – 6 अन्तराल [0, 4] के सतत है तथा f’ (x) = 3x2 – 12x + 11, जो कि अन्तराल (0, 4) में परिमित व विद्यमान है। अत: फलन f(x) अन्तराल (0, 4) में अवकलनीय है। फलतः फलन f(x) लोग्रांश मध्यमान प्रमेय के दोनों प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
![](https://www.sarthaks.com/?qa=blob&qa_blobid=2424212598046824013)
इस प्रकार है कि
f(c) = \(\frac{f(4)-f(0)}{4-0}\)
इस प्रकार लाग्नज मध्यमान प्रमेय सत्यापित होती है।
(b) दिया हुआ फलन
![](https://www.sarthaks.com/?qa=blob&qa_blobid=11048192984271337804)
स्पष्ट है कि फलन (1 + x) तथा (5 – x) बहुपद हैं। अत: f(x) अन्तराल [1,3] में सतत व अवकलनीय है केवल x = 2 को छोड़कर।
x = 2 पर सततता को जाँच
बाय सीमा = limx→2– f(x)
= limx→2– (1 + x)
⇒ 1 + 2 = 3
दायीं सीमा = limx→2+ f(x)
= limx→2+ (5 – x)
⇒ 5 – 2 = 3
तथा x = 2 पर फलन का मान
f(2) = 5 – 2 = 3,
अत: limx→2 f(x) = 3, फलन x = 2 पर मान सतत है।
x = 2 पर अवकलनीयता की जाँच
बायाँ पक्ष
![](https://www.sarthaks.com/?qa=blob&qa_blobid=2510994835286739537)
∵ LHS [Lf'(2)] ≠ RHS [Rf'(2)]
अतः फलन f(x), x = 2 में अवकलनीय नहीं है।
∵ लाग्रांज मध्यमान प्रमेय की आवश्यक शर्त पूरी नहीं होती है।
अत: लाग्रांज मध्यमान प्रमेय सत्यापित नहीं होती हैं।