Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
+2 votes
399 views
in Hindi by (43.0k points)
closed by

NCERT Solutions Class 12, Hindi, Aroh, पाठ "नमक"

To excel in CBSE exams and competitive tests, it's crucial to make good use of NCERT Solutions. These solutions are carefully designed by experts to give clear explanations of important concepts. Even for topics not directly in the CBSE syllabus, mastering these areas helps improve your ability to solve problems and gives you more confidence in applying what you've learned effectively.

This article discusses the significance of NCERT solutions for Class 12 Hindi, highlighting their structured approach and practical advantages that support ongoing learning.

In these NCERT Solutions for Class 12 Hindi, we have discussed all types of NCERT intext questions and exercise questions.

Our NCERT Solutions for Class 12 Hindi provide detailed explanations to assist students with their homework and assignments. Proper command and ample practice of topic-related questions provided by our NCERT solutions is the most effective way to achieve full marks in your exams subjects like Science, Maths, English and Hindi will become easy to study if you have access to NCERT Solution. Begin studying right away to ace your exams.

Accessing solutions and practice questions online offers flexibility in studying, allowing you to learn at your own pace and convenience whenever you require it.

3 Answers

+2 votes
by (43.0k points)
selected by
 
Best answer

NCERT Solutions Class 12, Hindi, Aroh, पाठ "नमक"

लेखक - रज़िया सज्जाद ज़हीर

पाठ के साथ

1. सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?

उत्तर

नमक की पुड़िया को लेकर सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए या चोरी से छिपाकर। सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से मना कर दिया क्योंकि पाकिस्तान से भारत को नमक का निर्यात प्रतिबंधित था। यह गैर-कानूनी था। दूसरे, कस्टम अधिकारी नमक की पुड़िया निकल आने पर बाकी सामान की भी चिंदी-चिंदी बिखेर देंगे। इससे बदनामी भी होगी। तीसरे, भारत में पर्याप्त मात्रा में नमक है।

2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में क्या द्वंद्व था?

उत्तर

जब भावना के बदले बुद्धि हावी होने लगी तो सफ़िया का मन द्वंद्व ग्रस्त हो गया। वह सोचने लगी कि कस्टम वाले पुड़िया ले जाने देंगे या नहीं। यदि उन्होंने उसे न जाने दिया तो उसके वायदे का क्या होगा। वही वायदा जो उसने सिख बीबी से किया। सफ़िया जोकि सैयद थी, इसलिए उसने सोचा कि यदि वह नमक न ले गई तो क्या होगा, क्योंकि सैयद लोग कभी भी वायदा नहीं तोड़ते। जान देकर भी यह वायदा पूरा करना होगा।

3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफ़िसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

उत्तर

सफ़िया की बातों ने उन्हें अपना वतन याद दिला दिया था। वे सफ़िया को जाते देख रहे थे। उसके रूप में वे स्वयं को वतन जाते देख रहे थे। सफ़िया उनके वतन की यादों के रूप में उनके साथ जा रही थी। अतः उसे जाता हुआ देखकर वे चुपचाप सिर झुकाए खड़े हुए थे।

4. लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार. किस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं?

उत्तर

यह वह सामाजिक यथार्थ की ओर संकेत दे रहे हैं, जिनके कारणों से एक मनुष्य को विस्थापन के दर्द से गुजरना पड़ता है। किसी-न-किसी कारण से लोगों को विस्थापन का दर्द लेकर उम्रभर गुजरना पड़ता है। अपने निवासस्थान को छोड़ने का कारण राजनैतिक रहा हो या कोई ओर लेकिन इसका दर्द आम इंसान के ही हिस्से आता है। यदि यह कार्य किसी प्रकृति आपदा के कारण आया हो, तो मनुष्य इस दर्द से छुटकारा पा सकता है। लेकिन जब यह मनुष्यों द्वारा ही किया जाए, तो उसका दर्द उन्हें उम्रभर सताता रहता है।

5. नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में द्वंद्व की स्थिति बन गई थी। इससे उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है-

  1. ईमानदार- सफ़िया एक ईमानदार स्त्री थी। वह अपने प्रेम की सौगात को पूरे सम्मान से साथ ले जाना चाहती थी। उसके लिए प्रेम की वस्तु के साथ गलत कार्य करना उचित नहीं था।
  2. कानून के प्रति सम्मान- सफ़िया कानून का आदर करती थी। यही कारण है कि वह अपने साथ पुड़िया छिपाकर ले जाने में हिचकिचा रही थी। वह चाहती थी कि वह गलत नहीं कर रही है। अतः कानून उसकी भावनाओं को समझेगा। यही कारण है कि वह नमक की पुड़िया को अफसरों के सामने रख देती है।
  3. विचारशील- वह एक विचारशील स्त्री थी। सही-गलत के मायने उसे पता थे। वह कार्य को करने से पहले उसके विषय में यह निश्चित कर लेना चाहती थी कि वह जो कर रही है, वह सही है या नहीं है।
  4. ज़ुबान की पक्की- सफ़िया ज़ुबान की पक्की स्त्री थी। अपनी ज़ुबान की बात को वह झुठला देने में विश्वास नहीं रखती थी। वह अफ़सरों के सामने भी अपनी बात रखने से नहीं डरती। अपने वादे को पुरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती थी।
  5. दृढ़ निश्चयी- सफ़िया एक दृढ़-निश्चयी स्त्री थी। भाई द्वारा कानून का डर दिखाए जाने पर भी वह अपने निश्चय से हिलती नहीं है।
  6. निर्भीक- सफ़िया एक निर्भीक स्त्री थी। वह अपने वादे को पूरा करने के लिए निर्भीक होकर अफ़सरों के सामने खड़ी हो जाती है। वह जानती है कि वह कोई गलत काम नहीं कर रही है। अतः उसे डरने की आवश्यकता नहीं है।
  7. रिश्तों के प्रति संवेदनशील- सफ़िया रिश्तों के प्रति संवेदनशील स्त्री है। वह रिश्तों की अहमियत को समझती है और उनको निभाने के लिए किसी भी हद तक जाती है।

6. मानचित्र पर एक लकीर खींच देने से ज़मीन और जनता बँट नहीं जाती है-उचित तर्को व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि कीजिए।

उत्तर

राजनीति और कूटनीति के चलते देश के टुकड़े हो जाते हैं। देश कई टुकड़ों में बँट जाता है। भारत भी कूटनीति का शिकार रहा है। भारत आज पाकिस्तान और बांग्लादेश के कारण तीन टुकड़ों में बँटा हुआ है लेकिन सौभाग्य इस बात का है कि लोगों के दिलों में किसी भी प्रकार की दरार (लकीर) नहीं खिंची है। लोग आज भी एक-दूसरे से मिलते हैं। उनमें वही भाईचारा और प्यार कायम है। हिंदुस्तान में इन दोनों देशों के नागरिक आते-जाते हैं। यहाँ से नागरिक इन देशों में जाते हैं। वे एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करते हैं।

7. ‘नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला है, कैसे?

उत्तर

नमक’ कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है। उनमें प्रेम और स्नेह का स्वाद है। इस स्वाद में अपनापन है। लेखिका का अपने भाइयों, परिचितों से स्नेह, सिख बीवी का लाहौर से लगाव, कस्टम अधिकारियों का दिल्ली व ढाका से जुड़ाव-ये सब दोनों देशों की जनता के बीच स्नेह को दर्शाते हैं।

क्यों कहा गया?

1. क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

उत्तर

सफ़िया ने यह बात इसलिए कही है कि सब कानूनों से ऊपर है इंसानियत। इंसानियत से ही सारी बातें जन्म लेती हैं। कानून हुकूमत के हो सकते हैं लेकिन इंसानियत तो प्रेम और भाईचारे का कानून सिखाता है। जिस आदमी में इंसानियत नहीं है वह पशु है, जानवर है।

2. भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे उस पर हावी हो रही थी।

उत्तर

लेखिका सिख बीबी के प्रेम के वशीभूत होकर नमक पाकिस्तान से भारत ले जाने को विवश थी। भाई द्वारा यह बताए जाने पर कि लाहौरी नमक भारत ले जाना अपराध है, लेखिका उसे अपने तर्कों से चुप करवा देती है। लेकिन जब वह इस विषय पर सोचती है, तो पाती है कि भाई सही कह रहा है। 'भावना' बुद्धि के तर्कों के आगे दबने लगती है। अब वह समझ जाती है कि नमक को सामने से ले जाना कठिन हो जाएगा। अतः वह नमक को छिपा कर ले जाने की सोचती है। अतः इससे पता चलता है कि भावना के स्थान पर वह बुद्धि का प्रयोग करने लगती है।

3. मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह से गुज़र जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।

उत्तर

यह वाक्य कानून की मुहब्बत के आगे अहमियत दर्शाने के लिए किया गया। पाकिस्तान कस्टम ऑफिसर के माध्यम से यह बताया गया है। मुहब्बत की अहमियत इतनी है कि यह किसी कानून को नहीं देखती है। पाकिस्तान कस्टम ऑफिसर लेखिका को नमक ले जाने देता है। वह कानून को भूल जाता है। बस उसे याद रहता है तो लेखिका का ज़स्बा और अपना वतन देहली। जहाँ प्रेम हो, वहाँ कानून की पूछ न के बराबर रह जाती है। क्योंकि कानून का काम दोषियों को सज़ा देना है और मुहब्बत का काम दिलों को मिलाना है।

4. हमारी ज़मीन हमारे पानी का मज़ा ही कुछ और है!

उत्तर

भारतीय कस्टम अधिकारी सुनील दास गुप्ता ढाका को अपना वतन मानते हैं। लेखिका की पूरी बात सुनकर उन्हें अपनी जमीन, डाभ आदि की याद आती है। वे भावुक हो उठते हैं और यह बात कहने लगते हैं।

+2 votes
by (43.0k points)

समझाइए तो जरा

1. फिर पलकों से कुछ सितारे टूटकर दूधिया आँचल में समा जाते हैं।

उत्तर

लेखिका के कहने का अभिप्राय यही है कि जब कोई अपने वतन को याद करता है अथवा उसे अपना वतन याद आ जाता। है तो उसकी आँखों से आँसू की बूंदे टपकने लगती हैं। वह उसके सफ़ेद आँचल में सितारे की तरह टूटकर समा जाते हैं। यादों की बौछारों से उनकी पलकें भींग जाते हैं।

2. किसका वतन कहाँ है-वह जो कस्टम के इस तरफ़ है या उस तरफ़।

उत्तर

भारत लौटने के समय सफ़िया अमृतसर के स्टेशन पुल पर चढ़ती हुई यह सोच रही है। सिख बीवी लाहौर को अपना वतन बताती है, पाक कस्टम अफ़सर दिल्ली को तथा भारतीय कस्टम अफ़सर ढाका को अपना वतन बताता है जबकि ये तीनों ही अलग देशों में रहते हैं। इनका मन अपनी जन्मभूमि में है तथा इनका कार्यक्षेत्र व निवास अलग क्षेत्र में है।

पाठ के आस-पास

1. 'नमक’ कहानी में हिंदुस्तान, पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाओं, संवेदनाओं को उभारा गया है। वर्तमान संदर्भ में इन संवेदनाओं की स्थिति को तर्क सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

वर्तमान संदर्भ में ये संवेदनाएँ ऐसी की ऐसी ही बनी हुई हैं। आज भी दोनों देशों के लोगों के मध्य प्रेम का संबंध है। इसका उदाहरण आज भारत में जिंदगी चैनल में आने वाले कार्यक्रम हैं, जिन्होंने भारतीयों दिलों में खास पैठ बनाई हुई है। ऐसे ही भारत के कार्यक्रम तथा फ़िल्में हैं, जो पाकिस्तान के लोगों में खास जगह बनाई हुई हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान में रहने वाले लोगों की भावनाएँ और संवेदनाएँ जैसे पहले थीं, वैसे ही आज भी हैं।

2. सफ़िया की मन:स्थिति को कहानी में एक विशिष्ट संदर्भ में अलग तरह से स्पष्ट किया गया है। अगर आप सफ़िया की जगह होते/होतीं तो क्या आपकी मन:स्थिति भी वैसी ही होती ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर

बिलकुल यदि में सफ़िया की जगह होती, तो मेरी भी मनःस्थिति बिलकुल उसकी जैसी होती। क्योंकि मेरे अंदर भी लोगों के प्रति ऐसा ही प्रेम और इंसानियत है। मेरे लिए प्रेम सबसे ऊपर है। प्रेम के आगे में किसी कानून को तथा किसी विभाजित देश के बंधन को नहीं मानती हूँ। मेरे लिए पाकिस्तान में रहने वाले भी मेरे अपने हैं और भारत में रहने वाले भी मेरे अपने ही हैं।

3. भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए दोनों सरकारें प्रयासरत हैं। व्यक्तिगत तौर पर आप इसमें क्या योगदान दे सकते/सकती हैं?

उत्तर

भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंधों को सुधारने के लिए मैं व्यक्तिगत तौर पर निम्नलिखित योगदान दे सकता हूँ

  • मैं व्यक्तिगत तौर पर अपने मन से शत्रुता का भाव बाहर निकाल दूँगा।
  • मैं अन्य नागरिकों के मन से भी पाक के प्रति भरे जहर को बाहर निकालने की कोशिश करूंगा।
  • सांस्कृतिक व खेल-कूद के स्तर पर वहाँ से आई टीमों का दिल से स्वागत करूंगा।
  • सूचना क्रांति के युग में इंटरनेट के माध्यम से वहाँ के नागरिकों को अपनी भावनाएँ प्रेषित करूंगा।

4. लेखिका ने विभाजन से उपजी विस्थापन की समस्या का चित्रण करते हुए सफ़िया व सिख बीबी के माध्यम से यह भी परोक्ष रूप से संकेत किया है कि इसमें भी विवाह की रीति के कारण स्त्री सबसे अधिक विस्थापित है। क्या आप इससे सहमत हैं?

उत्तर

हम लेखिका के दृष्टिकोण से बिलकुल सहमत हैं। विवाह के बाद स्त्री को विस्थापित होना पड़ता है। यदि वह एक शहर को छोड़कर दूसरे शहर जाए तो भी विस्थापित हो जाती है जबकि सिख बीबी और सफ़िया तो दूसरे मुल्क में ही रह गई जो कि विवाह के बाद स्वाभाविक था। स्त्री अपने जीवन में सर्वाधिक विस्थापित होती है। उसके साथ यह समस्या रहती है। विवाह की रीति ही ऐसी है कि स्त्री को परदेस जाना ही पड़ता है। ऐसे में वह इस विस्थापन का दंश सबसे अधिक भोगती है।

5. विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमिकाएँ हो सकती हैं-रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला। इनमें से कौन सबसे ताकतवर है और क्यों ?

उत्तर

विभाजन के अनेक स्वरूपों में बँटी जनता को मिलाने की अनेक भूमियाँ हो सकती हैं-रक्त संबंध, विज्ञान, साहित्य व कला। इनमें से सबसे ज्यादा ताकतवर साहित्य व कला माध्यम हो सकता है। यह माध्यम भावनाओं पर आधारित है तथा यह पारस्परिक सौहाद्र को बढ़ाता है। रक्त-संबंधों का दायरा भी सीमित होता है। कलाकार व साहित्यकार पूरे समूह की पीड़ा, दुख-सुख आदि भावनाओं को व्यक्त करता है। इससे दूरियाँ समाप्त हो जाती हैं।

आपकी राय

1. मान लीजिए आप अपने मित्र के पास विदेश जा रहे/रही हैं। आप सौगात के तौर पर भारत की कौन-सी चीज़ ले जाना पसंद करेंगी/करेंगे और क्यों ?

उत्तर

यदि मुझे विदेश जाना पड़े तो अपने मित्र के लिए भारतीय मसाले ले जाना पसंद करूंगी/करूंगा ताकि मेरे मित्र को इनकी खुशबू आती रहे और उनका तन-मन इसमें रंग जाए। तन-मन रंगने से उसे न केवल मेरी बल्कि भारतीयता की याद भी आएगी। तब उसे भारतीयता का सही मायनों में पता चलेगा। हमारा देश अनेक प्रकार के मसालों को निर्यात करता है। अतः ऐसी स्थिति में इससे बढ़िया सौगात कोई हो नहीं सकती।

भाषा की बात

1. नीचे दिए गए वाक्यों को ध्यान से पढ़िए

(क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।

(ख) क्या सबै कानून हुकूमत के ही होते हैं?

सामान्यतः ‘ही’ निपात का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में ‘ही’ के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवर्तन आया है? स्पष्ट कीजिए। ‘ही’ का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए।

उत्तर

‘ही’ का प्रयोग कर देने से वाक्य की अर्थवत्ता में वृद्धि होती है। साथ ही, इसका अर्थ किसी विशेषता का द्योतक होता
है। पहले वाक्य से ‘ही’ का प्रयोग यही अर्थ देता है कि हमारा वतन केवल लाहौर है कोई और नहीं। इसी प्रकार दूसरे वाक्य में ‘ही’ से अभिप्राय है कि क्या कानून केवल हुकूमत के लिए बने हैं। अन्य बातें भी कानून के दायरे में आती हैं।

‘ही’ का प्रयोग

  • हम तो आपको ही जानते हैं।
  • आपने ही मुझे यह मौका दिया था।
  • तुम्हारे कारण ही मैं मरते-मरते बचा।
  • मैं ही मूर्ख था जो तुम्हें ईमानदार समझता था।
  • मुझे ही इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कहा गया है।

‘ही’ का प्रयोग (प्रश्नात्मक संदर्भ में)

  • क्या सब हुक्म के ही गुलाम होते हैं ?
  • क्या आपने कभी जानने की कोशिश ही की?
  • क्या वह तुम ही हो जिसे अज्ञात लोगों ने धमकी दी?
  • क्या मेरा ही फर्ज रह गया है?
  • क्या हर बार मैं ही खर्चा किया करूं?

2. नीचे दिए गए शब्दों के हिंदी रूप लिखिए। –

मुरौवत, आदमियत, अदीब, साडा, मायने, सरहद, अक्स, लबोलहजा, नफीस

उत्तर

मुरौवत                –  भलमनसी, संकोच, लिहाज
आदमियत           –  इंसानियत
अदीब                 –  साहित्यकार, लेखक
साडी                  –  मेरा, हमारा
मायने                 –  अर्थ
सरहद                –  सीमा (देश की)
अक्स                  –  प्रतिबिंब
लबोलहज़ा          –  कहने का ढंग, बोलने का तरीका
नफीस                –  उत्तम, सुंदर, बढ़िया।

3. पंद्रह दिन यों गुज़रे कि पता ही नहीं चला-वाक्य को ध्यान से पढ़िए और इसी प्रकार के (यों, कि, ही) से युक्त पाँच वाक्य बनाइए।

उत्तर

  • तुम यों उठकर चले गए कि कुछ हुआ ही नहीं था।
  • नारायण शंकर तो यों नाराज हुआ जैसे कि उसने ही यह सब कुछ किया है।
  • मिर्जा गालिब यों उर्दू के शायर थे, तुम यह कैसे कह सकते हो कि मैं वैसे ही कह रहा हूँ।
  • नसीरुद्दीन यों फैंसा कि उसे ही चोरी की बात कबूल करनी पड़ी।
  • पिछले पखवाड़ा यों गुज़रा कि उसे इस बारे में बताना ही पड़ा।
+2 votes
by (43.0k points)

इन्हें भी जानें

1. मुहर्रम                 – इस्लाम धर्म के अनुसार साल का पहला महीना, जिसकी दसवीं तारीख को इमाम हुसैन शहीद हुए।

2. सैयद                   – मुसलमानों के चौथे खलीफ़ा अली के वंशजों को सैयद कहा जाता है।

3. इकबाल               – सारे जहाँ से अच्छा के गीतकार

4. नजरुल इस्लाम    – बांग्ला के क्रांतिकारी कवि

5. शमसुल इस्लाम   – बांग्ला देश के प्रसिद्ध कवि

6. इस कहानी को पढ़ते हुए कई फ़िल्म, कई रचनाएँ, कई गाने आपके जेहन में आए होंगे। उनकी सूची बनाइए किन्हीं दो (फ़िल्म और रचना) की विशेषता को भी लिखिए। आपकी सुविधा के लिए कुछ नाम दिए जा रहे हैं।

उत्तर

फ़िल्में रचनाएँ
1947 अर्थ तमस (उपन्यास-भीष्म साहनी)
मम्मो टोबाटेक सिंह (कहानी-मंटो)
ट्रेन टू पाकिस्तान जिंदगीनामा (उपन्यास-कृष्ण सोबती)
गदर पिंजर (उपन्यास-अमृता प्रीतम)
खामोश पानी झूठा सच (उपन्यास-यशपाल)
हिना मलबे का मालिक (कहानी-मोहन राकेश)
वीर ज़ारा पेशावर एक्सप्रेस (कहानी-कृश्न चंदर)

सृजन के क्षण

1. नमक’ कहानी को लेखिका ने अपने नजरिये से अन्य पुरुष शैली में लिखा है। आप सफ़िया की नजर से/उत्तम पुरुष शैली में इस कहानी को अपने शब्दों में कहें।

उत्तर

उस सिख बीबी को देखकर मैं हैरान रह गई थी। उसका चेहरा-मोहरा, चाल-ढाल बिलकुल मेरी अम्मा जैसा था। वह दुपट्टा भी मेरी माँ की तरह ओढ़ती थी। जब मैंने उसे कई बार मोहब्बत भरी नज़रों से देखा तो उसने भी मेरे घर-बार के बारे में जानने की इच्छा जाहिर कर दी। हम दोनों में यूँ ही बातें होती रही। कब हम एक-दूसरे के गहरे परिचित बन गए, यह न मुझे पता चला न उसे। जब मैंने उससे कहा कि मैं अगले सप्ताह लाहौर जा रही हूँ तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने कहा कि आते वक्त मेरे लिए लाहौरी नमक ले आना। मैं उसकी इस बात को मान गई। जब पंद्रह दिन लाहौर में रहकर मैं वापिस अपने वतन आने लगी तो मैंने नमक की पुड़िया बना ली।

इस पर मेरे भाईजान ने मुझसे कहा कि नमक (लाहौरी) ले जाना गैरकानूनी है। इस बात पर हम दोनों में तीखी नोंक-झोंक हुई। काफ़ी मशक्कत के बाद मैंने ठान लिया कि मैं अपनी अम्मी जान से किया वादा ज़रूर निभाऊँगी। मैंने कस्टम वालों (पाकिस्तानी) को सारी बात बता दी, इस बात पर वे राजी हो गए कि मैं नमक ले जा सकती हैं। यह तो प्रेम का तोहफा है। जब मैं हिंदुस्तान की सरहद को पार करके अमृतसर स्टेशन पर पहुँची तो वहाँ भी मैंने वही बात दुहराई। एक बाँग्ला अधिकारी मुझे वेटिंग रूम (प्रतीक्षालय) में ले गया। जब उसने एक पुलिस वाले को बुलाया तो मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने पुलिसवाले से दो चाये मँगवाई। हमने चाय पी और बातें की।

चलते वक्त उसने मेरा बैग उठा रखा था। इस तरह मैं तनाव से मुक्त हो गई। उसने चलते वक्त भी मुझसे बातें की। उसकी बातों से मैं जान गई कि वह ईस्ट बंगाल का है और यहाँ आकर नौकरी कर रहा है। उसने यह भी बताया कि ईस्ट बंगाल की जमीन और पानी बहुत उपजाऊ और निर्मल (साफ़) है। जब मैं अमृतसर के पुल पर चढ़ रही थी तो सोचने लगी कि आखिर वतन है कौन-सा? किसका वतन है कहाँ? वतन वह है जो कस्टम से इधर है या फिर वह है जो उस तरफ। इस तरह सोचती-सोचती मैं अपने घर वापिस लौट आई। मेरा मन इस प्रश्न का उत्तर हूँढ़ता रहा।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...