(a) दिया हुआ फलन ।
f(x) = x ∈ [0, 2]
स्पष्ट है कि फलन f(x) = अन्तराल [0, 2] में सतत है तथा f’ (x) = \(\frac{3x-2}{2\sqrt{2}}\) जो कि अन्तराल (0, 2) के प्रत्येक बिन्दु में परिभाषित एवं विद्यमान हैं अर्थात् फलन f(x) अन्तराल (0, 2) में अवकलनीय है।
∵ f(0) = 0 = f(2)
⇒ f(0) = f(2)
उपरोक्त से फलन f(x) दिए गए अन्तराल में रोले प्रमेय के सभी प्रतिबन्धों को संतुष्ट करता है।
अत: f’ (c) = 0
इस प्रकार है कि f’ (c) = 0
इस प्रकार c = 2/3 के लिए रोले की प्रमेय का सत्यापन होता है।
(b) दिया हुआ फलन
f(x) = (x – 1) (x – 3), x ∈ [1,3]
स्पष्ट है कि फलन f(x) = (x – 1) (x – 3) अन्तराल [1, 3] के सतत हैं तथा f’ (x) = 2x – 4 जो कि अन्तराल (1, 3) के प्रत्येक बिन्दु में परिमित व विद्यमान हैं अर्थात् फलन f(x) अन्तराल (1,3) में अवकलनीय
∵ f(1) – 0 = f(3)
⇒ f(1) = f(3)
उपरोक्त से फलन f(x) दिए गए अन्तराल में रोले प्रमैय के सभी प्रतिबन्धों को सन्तुष्ट करता है।
अत: f’ (c) = 0
f’ (c) = 2c – 4 = 0
2c = 4
c = 2
c = 2 ∈ (1, 3)
इस प्रकार हैं कि
f’ (c) = 0
अतः c = 2 के लिए रोले की प्रमेय सत्यापित होती है।