NCERT Solutions Class 11, Hindi, Antra, पाठ- 7, उसकी माँ
लेखक - पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र'
प्रश्न-अभ्यास
1. क्या लाल का व्यवहार सरकार के विरुद्ध षड्यंत्रकारी था?
उत्तर
लाल देशभक्त, क्रांतिकारी युवक था। वह अपने देश को ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजाद कराना चाहता था। इसलिए वह अपने अन्य क्रांतिकारी मित्रों के साथ मिलकर देश को स्वतंत्र कराने की योजनाएँ बनाता रहता था। उसका यह कार्य हमारी दृष्टि से उसका स्वदेश प्रेम है। इसे ब्रिटिश सरकार अपने विरदद्ध घड्यंत्र मानती थी। ब्रिटिश सरकार की आलोचना करने तथा उनकी चापलूसी न करने के कारण वह उनकी नजर में षड्यंत्रकारी था।
2. पूरी कहानी में जानकी न तो शासन-तंत्र के समर्थन में है न विरोध में, किंतु लेखक ने उसे केंद्र में ही नहीं रखा बल्कि कहानी का शीर्षक बना दिया। क्यों?
उत्तर
शीर्षक की सार्थकता के लिए यह जरूरी नहीं है कि कहानी उसके बारे में हो बल्कि उसके मूल भाव, उद्देश्य प्रमुख घटना अथवा प्रमुख पात्र से जुड़ा हुआ हो। स कहानी के क्रांतिकारी युवक लाल की माँ की ममता, सरलता, दृढ़ता, सेवा और त्याग का वर्णन है। कहानी की घटनाओं में माँ का बार-बार उल्लेख हुआ है। वह सिर्फ माँ है। माँ का संबंध शासन तंत्र और उसकी व्यवस्था से नहीं होता है। उसके लिए उसकी संतान महत्वपूर्ण होती है। वह सब का कल्याण चाहती है। लाल तथा उसके साथियों को फाँसी होते ही वह भी प्राण त्याग देती है।
3. चाचा जानकी तथा लाल के प्रति सहानुभूति तो रखता है किंतु वह डरता है। यह डर किस प्रकार का है और क्यों है?
उत्तर
लाल के चाचा एक ज़मींदार हैं। उन्हें ब्रिटिश सरकार से बहुत सहायता मिलती है। वह भी उनकी चापलूसी करते हैं। जब पुलिस सुपरिटेंडेंट उससे लाल के बारे में पूछताछ करने आता है तो जाते हुए उसे चेतावनी दे जाता है कि वह लाल और उसके परिवार से दूर ही रहे। इससे वह डर जाता है कि कहीं उसे भी ब्रिटिश सरकार के गुस्से का सामना न करना पड़े। इसी डर से वह चाहते हुए भी लाल तथा उसके परिवार की कोई सहायता नहीं कर पाता।
4. इस कहानी में दो तरह की मानसिकताओं का संघर्ष है, एक का प्रतिनिधित्व लाल करता है और दूसरे का उसका चाचा। आपकी नजर में कौन सही है? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
उत्तर
हमारी नजर में लाल की सोच बिलकुल सही है। वह गुलामी की ज़ंजीरों में जकड़े हुए अपने देश को आज़ाद कराना चाहता है। उसका मानना है कि जो व्यक्ति समाज या राष्ट्र के नाश पर जीता हो, उसका सर्वनाश हो जाना चाहिए। ब्रिटिश सरकार जोंक की तरह भारतवासियों के धर्म, प्राण और धन को चूसती चली जा रही है। इन्होंने ऐसे अपमानजनक और मानवताहीन नीति-मर्दक कानून गढ़े हैं जिससे भारतवासियों का निरंतर शोषण होता है। ऐसी सरकार का विरोध करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देनेवाले लाल की मानसिकता का हम समर्थन करते हैं।
5. उन लड़कों ने कैसे सिद्ध किया कि जानकी सिर्फ़ माँ नहीं भारतमाता है? कहानी के आधार पर उसका चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर
उन लड़कों ने जानकी को भारतमाता सिद्ध करते हुए बताया कि उसका सिर हिमालय, माथे की दोनों गहरी रेखाएँ गंगा और यमुना, नाक विंध्याचल, ठोढ़ी कन्याकुमारी, झुरियाँ-रेखाएँ पहाड़ और नदियाँ तथा बाएँ कंधे पर लहराते हुए बाल बर्मां है। इस प्रकार लाल की माँ भारत-माता बन जाती है।
जानकी के चरित्र की अन्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) परिच्रय – पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ द्वारा रचित कहानी ‘उसकी माँ’ में लाल की माँ जानकी का चरित्र-चित्रण अत्यंत प्रभावशाली रूप से किया गया है। उसके पति रामनाथ का देहांत हो चुका है। उसकी एकमात्र संतान उसका पुत्र लाल है। वह वृद्धा विधवा स्त्री है। उसके सिर के बाल सक़ेद हो घुके हैं तथा चेहरे पर अनेक झुरियाँ पड़ गयी हैं।
(ii) सरलता – लाल की माँ अत्यंत सरल महिला है। लाल और उसके मित्रों द्वारा अंग्रेजों के विरुद्ध रचे जा रहे षड्यंत्र को वह समझ नहीं पाती। जर्मीदार द्वारा लाल और उसके मित्रों की शिकायत करने पर भी वह उन्हें निर्दोष मानती है। इसलिए ज़्मीदार को कहती है कि वह ही बच्चों को समझा दे। उसके पुत्र तथा पुत्र के मित्रों पर जब मुकदमा चलता है तो वह अपनी सरलता के कारण ही अंग्रेज सरकार को न्यायी समझकर बच्चों की रिहाई के प्रति आशावान थी। वह किसी प्रकार का छल-कपट नहीं जानती।
(iii) ममता – लाल की माँ के हदय में ममता का सागर उमड़ता रहता है। वह लाल के साथियों को भी लाल के समान ही स्नेह करती है। बंगड़ जब उसे भारतमाता प्रमाणित करता है तो वह भाव-विभोर हो उठती है। लाल तथा उसके मित्रों को वह भूखा नही देख पाती। उनके लिए सदा कुछ भी करने के लिए तैयार रहती है। जेल में उनके लिए, अपने घर की बस्तुएँ तक बेचकर, खाना बनाकर ले जाती है।
(iv) दूड़ता – लाल की माँ संकट के क्षणों में भी विचलित नहीं होती अपितु प्रत्येक मुसीबत का दृढ्तापूर्वक सामना करती है। अपने पति का देहांत होने पर भी वह सामान्य स्त्रियों के समान नहीं रोई थी। लाल तथा उसके मित्रों के जेल चले जाने पर भी उसने प्रत्येक स्थिति का दृढ़ता से सामना किया था तथा किसी-न-किसी प्रकार से वकील करके उनकी पैरवी करती रही थी।
(v) सेवा – लाल की माँ में सेवा-भाव कूट-कूटकर भरा हुआ है। लाल और उसके साथियों की सेवा करने में उसे बहुत आनंद् प्राप्त होता है। वह जेल में उनके लिए पराँठे, हलवा, तरकारी आदि बनाकर ले जाती है। बच्चों को मुक्त कराने के लिए बह वकीलों के सामने गिड़गिड़ाने से भी नहीं झिझकती थी। उसने उन्हैं जेल से छुड़ाने के लिए बहुत प्रयास किए थे। इस प्रकार स्पष्ट है कि लाल माँ की एक ऐसी असाधारण नारी है जो अपनी सरलता, ममता, दृढ़ता एवं सेवाभाव से पाठक को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है ।
6. विद्रोही की माँ से संबंध रखकर कौन अपनी गरदन मुसीबत में डालता? इस कथन के आधार पर उस शासन-तंत्र और समाज व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
उस समय देश ब्रिटिश सरकार का गुलाम था। उनकी शासन व्यवस्था मानवताहीन नीतियों से युक्त थी। वे भारतीय जनता का शोषण करते थे तथा गरीबों को चूसकर अपना बल बढ़ा रहे थे। देशभक्तों को वे भयंकर यातनाएँ देते थे। पुलिस मनमानी करती थी। अदालत बिना उचित सुनवाई किए मनमाना दंड दे देती थी। समाज में लोग ब्रिटिश सरकार की कार्रवाइयों से भयभीत रहते थे। सभी अपनी जान बचाने की सोचते थे। उनके अनुसार ‘आप सुखी तो जग सुखी’ कथन के अनुसार जीवन व्यतीत करना ही ठीक है। वे इतने भयभीत रहते थे कि चाहकर भी किसी स्वतंत्रता ग्रेमी की सहायता नहीं करते थे। सभी स्वार्थी तथा चापलूस बन गए थे।
7. चाचा ने लाल का पेंसिल खचित नाम पुस्तक की छाती पर से क्यों मिटा डालना चाहा?
उत्तर
चाचा लाल का पेंसिल से पुस्तक के पहले पन्ने पर लिखा नाम इसलिए मिटा डालना चाहते थे क्योंकि उन्हें डर था की कहीं पुलिसवाले तलाशी लेने आएँ तो उन्हें यह किताब न मिल जाए। लाल ने देश के लिए स्वयं को अर्पित कर दिया था। उसकी बूढ़ी माँ बेसहारा थी। लाल के नाम से उसका संबंध भी लाल तथा अन्य क्रांतिकारियों के साथ जोड़कर उसे भी ब्रिटिश सरकार का विरोधी जानकर दंड मिल सकता है।
8. भारत माता की छवि या धारणा आपके मन में किस प्रकार की है?
उत्तर
भारत माता सिंह पर सवार हैं और कमल के पत्ते पर खड़ी हैं| उन्होंने सोने के आभूषण धारण कर रखे हैं जो बताता है की भारत सोने की चिड़िया है| उनके सिर पर मुकुट है और बाल लम्बे हैं| उन्होंने एक हाथ में तिरंगा पकड़े रखा है|