We know that our ear can hear the sound of normal range of decibels. Still we play tape recorders or any other musical instruments at a high pitch. We forget that our neighbors may be a serious student or a sick person or a peace loving person who cannot bear the jarring sound of our music. The sound produced by us certainly creates problems for them. But they never want to quarrel with us and silently bear our torture. As a result, they generally shut doors and windows to avoid the jarring sound. Sometimes they even put cotton in their ears.
हम इस बात को भली-भाँति जानते हैं कि हमारा कान सामान्य डिसीबल की ध्वनि को ही सुन सकता है। इसके बावजूद हम जब भी टेप रिकार्डर अथवा कोई अन्य संगीत सुनाने वाले यंत्रों को बजाते हैं। तो उसके आवाज को काफी तेज कर देते हैं। हम इस बात को भूल जाते हैं कि हमारे पड़ोस में कोई ऐसा भी छात्र होगा जो अपने पढ़ाई के प्रति अत्यंत संवेदनशील है, हमारे कोई पड़ोसी शंति प्रिय अथवा बीमार भी हो सकते हैं जो हमारे इस संगीत के ऊँची आवाज के प्रभाव को नहीं सह सकते हैं। हमारे द्वारा उत्पन्न की गई यह ध्वनि निश्चय ही दूसरों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है, और उन्हें हानि पहुँचा सकती है। लेकिन वे हमारे साथ लड़ाई-झगड़ा करना पसंद नहीं करते और हमारे इस अत्याचार को सहन कर लेते हैं। परिणामस्वरूप वे इस हानिकारक ध्वनि को नजरअंदाज करते हुए अपने दरवाजे-खिड़कियों को बंद कर लेते हैं। कई बार तो वे अपने कानों में रूई भी डाल लेते हैं।